बैंक अधिकारी से लेकर एटीएम में रुपये लोड वाले तक साथ क्राइम में इनवाल्व

लुटेरों से कलेक्शन ब्वाय के लिंक का सच आ चुका है सामने, खुद करवाता था लूट

PRAYAGRAJ: सेठ साहूकारों से लेकर नामी कंपनियों में रखे गए कैश कलेक्शन ब्वाय का चौंकाने वाला क्राइम कनेक्शन सामने आया है। बैंकों के एटीएम में रुपये लोड करने वाले भी इससे अछूते नहीं हैं। नोटों की मोटी गड्डी देख इनकी नीयत डोल जाती है और वे कानून को हाथ में लेने से नहीं हिचकते। क्राइम के बाद वे खुद पीडि़त बनकर लुटेरों से अपना हिस्सा लेने के बाद खुलेआम घूमते रहते हैं।

मोटी गड्डी पर डिग रही नीयत

रुपयों का कलेक्शन करने के लिए तमाम नामी कंपनिया युवकों की नियुक्ति करती है। कंपनियों की एजेंसी में भी कैश कलेक्शन ब्वॉय रखे जाते हैं।

हर माह व हफ्ते हुई सेल के बाद रुपयों की वसूली का जिम्मा इन्हीं पर होता है।

कलेक्शन में मिल रहे लाखों रुपयों को देख इन कर्मचारियों की नीयत डिग जाती है।

नौकर से मालिक बनने का ख्वाब उन्हें परेशान करने लगता है।

वे वसूली में रुपये रुपयों को लेकर आते वक्त वे खुद अपने साथ लूट का नाटक रचते हैं।

लूट की रिपोर्ट दर्ज कराकर वे अपना हिस्सा लेकर बेधड़क घूमते रहते हैं।

कंपनियों को लगता है कि वाकई में लूट हुई होगी, पर माजरा कलेक्शन ब्वाय का माइंड गेम से जुड़ा होता है।

इसी तरह एटीएम के गायब हुए रुपयों के पीछे कई दफा कस्टोडियन के हाथ ही सामने आ चुके हैं।

यहां तक कि बैंकों के रुपयों की सुरक्षा का जिम्मा लेने वाले अधिकारी तक ऐसी हरकतों से बाज नहीं आए।

पुलिस कर चुकी है खुलासा

20 फरवरी को क्राइम ब्रांच ने जीआईसी के बगल ओवरब्रिज के नीचे से कुछ शातिरों को पकड़ा था। इनमें नैनी खरकौनी का ओम पांडेय, जिगना मीरजापुर का निखिल शुक्ला व मुट्ठीगंज का पवन यादव शामिल था। तीनों अमूल दूध के कैश को लूटने वाले थे। लूट के प्लान में खुद दूध कंपनी का कैश कलेक्शन ब्वाय भी शामिल था। बात दीगर रही कि घटना से पूर्व ही वह बेनकाब हो गया।

कर्मचारी ने सूद पर बांटा बैंक का कैश

सुलेमसराय धूमनगंज स्थित बैंक ऑफ इंडिया के करेंसी चेस्ट इंचार्ज वशिष्ट कुमार राम खुद सवा चार करोड़ रुपये की हेराफेरी में पकड़े गये। आडिट में मामला पांच जुलाई 2019 को प्रकाश में आया तो दूसरे दिन थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई। जांच में पता चला कि वह बैंक के कैश को मार्केट में सूद पर चलाते थे। करोड़ों के घोटाले का यह मामला भी इंवेस्टिगेट करने के लिए सीबीआई को सौंपा जा चुका है।

कैश डालने वालों की डोली नीयत

अतरसुइया क्षेत्र स्थित यूनियन बैंक के एटीएम में रुपये डालने वालों ने ही 25 लाख रुपये गायब करवा दिए थे। वह पासवर्ड को दूसरों को बताते हुए रुपये निकालने का पूरा फंडा उसे बता दिए थे। यह मामला आज तक जस का तस पड़ा हुआ हुआ है। यह घटना 29 जुलाई 2018 को हुई थी। इसी तरह एक अगस्त 2019 को सुलेमसराय स्थित टाटा एटीएम से पासवर्ड डालकर पांच लाख रुपये निकाले गए थे। रुपये लोड करने वाली कंपनी के जिम्मेदारों ने कस्टोडियन पर शक जताते हुई शिकायत की थी।

Posted By: Inextlive