PATNA : पटना को अपराध की राजधानी कहने पर कई लोगों को बुरा लगा होगा. लेकिन हमारे पास इसकी ठोस वजह है. वो है साल 2015. इस साल 11 महीने में सिर्फ राजधानी ही नहीं बल्कि पूरे पटना जिले में अकेले चोरी की 1712 वारदातें हुई हैं. जनवरी से नवंबर महीने तक का ये आंकड़ा हमारा खुद का नहीं बल्कि जिले के अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए एफआईआर का सामुहिक डिटेल है. अगर इसे हम कैलकुलेट करें तो साल 2015 में हर दिन चोरी की छोटी-बड़ी पांच वारदातें हुई हैं. अब आप सोंच सकते हैं कि चोरी की बढ़ती वारदातों का पŽिलक पर क्या असर हुआ होगा? पुलिस के प्रति उनका भरोसा किस लेवल पर होगा? शहर की तो छोडि़ए ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग खुद को कितना असुरक्षित महसूस करते होंगे.

 

अगस्त में हुई 178 वारदातें

चोरी की वारदातें पिछले साल पूरे 12 महीने हुई। इनमें दो महीने ऐसे हैं जिसमें चोरी की वारदातें एक दम से टाई है। आपको यकीन नहीं होगा, पर ये सच है। पिछले साल के जनवरी महीने में शातिर चोरों ने चोरी की 178 वारदातों को अंजाम दिया। सेम यही स्थिति आठवें महीने में भी दिखी। अगस्त में भी चोरी की 178 वारदातें हुई।

 

रडार पर होते हैं खाली घर

चोरी की वारदातों को सबसे अधिक उन इलाकों में अंजाम दिया गया है, जहां पुलिस की पेट्रोलिंग सबसे कम होती है। हालांकि शातिरों के रडार पर लोगों के खाली घर और बंद दुकानें ही सबसे अधिक होती है। राजधानी में कंकड़बाग, गर्दनीबाग, कदमकुआं और पाटलिपुत्रा सहित कई इलाके हैं जहां पिछले साल चोरी की कई वारदातें हुई। इसी तरह पटना सिटी, दानापुर, बिहटा, मनेर में भी कई बड़ी वारदातों को शातिरों ने अंजाम दिया।

 

ताक पर साहब का निर्देश

पुलिस की कमजोरी का फायदा उठा शातिर चोर सहजता के साथ बड़े से बड़े चोरी की वारदातों को अंजाम दे जाते हैं। दरअसल, ये नतीजा थानों की पुलिस की लापरवाही का है। साल 2015 में जितेन्द्र राणा, विकास वैभव और मनु महाराज। ये तीन लोग अलग-अलग टाईम पर पटना के एसएसपी रहे। क्राइम कंट्रोल के लिए इनके तरफ से सख्ती भी बरती गई। कई निर्देश भी दिए गए। लेकिन थानों में जमे पुलिस वाले साहब के निर्देश को ताक पर रख देते हैं और करते वही हैं, जो वो चाहते हैं। नाईट तो भूल जाईए दिन में भी इनकी पेट्रोलिंग सही से नहीं होती।

 

चोरी की कुछ बड़ी वारदातें

पत्रकार नगर थाना के तहत एक कोयला कारोबारी के घर शातिर चोरों ने चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। घर के लोगों को बंधक बना करीब 50 लाख की संपत्ति की चोरी की गई थी। आज तक इस केस को पुलिस डिटेक्ट नहीं कर सकी है। एसपी वर्मा रोड में एक डॉक्टर के घर चोरों ने कैश समेत करीब 20 लाख की चोरी की थी। इस केस में भी गांधी मैदान थाने की पुलिस को ठोस सफलता अब तक नहीं मिली। शातिर चोरों ने हॉस्पीटल को भी नहीं छोड़ा था। एनएमसीएच के मेडिसीन डिपार्टमेंट से 5 लाख रुपए की मशीनें गायब कर दी थी। आलमगंज थाने की पुलिस आज तक शातिरों को नहीं पकड़ सकी। बेलवरगंज में रेलवे स्टाफ कामता प्रसाद के घर से शातिर चोरों ने कैश समेत 4 लाख से अधिक की चोरी की थी। इस मामले में भी आलमगंज थाने की पुलिस के हाथ खाली हैं।

 

आंकड़ों में देखें कब और कितनी हुई चोरी

2015 के महीने जिले में चोरी की संख्या

जनवरी 178

फरवरी 159

मार्च 179

अप्रैल 161

मई 126

जून 137

जुलाई 164

अगस्त 178

सितंबर 159

अक्टूबर 152

नवंबर 149

टोटल चोरी की संख्या 1712

 

 

पुराने केसों को डिटेक्ट कर शातिरों के गैंग को पकड़ चोरी की वारदातों में कमी की जाएगी। साथ ही हर थाना एरिया में प्रोपर नाईट पेट्रोलिंग होगी। इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी।

-मनु महाराज, एसएसपी, पटना

Posted By: Inextlive