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-अपराधियों की सक्रियता से जिले में पब्लिक की सुरक्षा दांव पर

-2018 के नौ महीने की अपेक्षा, 2019 के नौ महीनों में अधिक हुई घटनाएं

अपराधियों की सक्रियता से जिले में पब्लिक की सुरक्षा दांव पर

-ख्0क्8 के नौ महीने की अपेक्षा, ख्0क्9 के नौ महीनों में अधिक हुई घटनाएं

PRAYAGRAJ: PRAYAGRAJ: क्राइम कंट्रोल को लेकर की जाने वाली अफसरों की कसरत पर अपराधी पानी फेर रहे हैं। लाख जतन के बावजूद अपराध का पारा लुढ़कने का नाम नहीं ले रहा। आए दिन मर्डर और अटेंप्ट टु मर्डर की घटनाएं आम हो गई हैं। इतना ही नहीं रेप और शीलभंग जैसी वारदातें भी बढ़ती ही जा रही हैं। पैसों के लिए अपहरण करने वालों के जेहन में भी पुलिस का खौफ नहीं दिख रहा। ख्0क्8 और ख्0क्9 के पहले नौ माह में हुई घटनाओं के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं।

सारी कोशिशों पर फिरा पानी

बढ़ते क्राइम को कंट्रोल करने के लिए कई मर्तबा सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ भी हिदायत दे चुके हैं। अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने की कवायद में जिला पुलिस दिन-रात कदमताल कर रही है। बावजूद इसके हालात में सुधार की गुंजाइश नजर नहीं आ रही। आए दिन जिले में हत्या और हत्या के प्रयास हो रहे हैं। अपराधी खुलेआम तमंचे और पिस्टल से लोगों पर कातिलाना वार करने से बाज नहीं आ रहे। छोटी-छोटी बात पर यहां फायरिंग और हत्या आम बात हो चली है। तमंचे की ठांय-ठांय के आगे पुलिस की का इकबाल धुआं-धुआं हो चला है। गंगा-जमुनी तहजीब की शांत फिजा को अशांत करने वाले अपराधी खुलेआम घटना को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं। जिले में सुरक्षा को लेकर हर शख्स आशंकित है।

एंटी रोमियो स्क्वायड पर 'रोमियो' भारी

-इतना ही नहीं, सुरक्षा को लेकर महिलाएं व युवतियां की सुरक्षा को लेकर बनाए गए एंटी रोमियो स्क्वायड भी मकसद से भटक चुका है।

-शीलभंग और रेप जैसी वारदात को अंजाम देने वालों की नापाक हरकतें बढ़ती जा रही हैं।

-शहर में तो महिलाओं व युवतियों का रास्ता चलना दुश्वार हो गया है।

-स्कूली बसों के अंदर घुस कर छात्राओं के अस्मत को लूटने की कोशिश की जा रही है।

-इस बात का उदाहरण जुलाई माह में जार्जटाउन एरिया स्थित एक स्कूल की छात्रों से भरी बस को रोक कर शोहदों द्वारा की गई छेड़खानी है

-बस चालक ने केस भी दर्ज कराया था। शहर में महिलाओं और युवतियों से छेड़खानी की घटनाएं खुलेआम हो रही हैं।

-अधिकांश लोकलाज के डर से शिकायत नहीं करतीं। जिसने शिकायत किया भी उसमें ठोस कार्रवाई के बजाय फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है।

-लोगों का मानना है कि शायद यही कारण है कि इस तरह की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

बाक्स

दो वर्ष के नौ माह में हुई घटनाएं

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अटेंप्ट टु मर्डर क्0ब् क्8क्

मर्डर 9फ् क्0क्

रेप भ्ब् 9ख्

शीलभंग ख्भ्0 फ्ब्क्

पैसे के लिए अपहरण 0फ् 0भ्

ऐसा नहीं है कि यहां घटनाएं बढ़ी हैं। घटनाएं हुई हैं तो उनके खुलासे भी प्रयागराज पुलिस कर रही है। जो शेष हैं उनके भी खुलासे के लिए टीमें लगाई गई हैं। बराबर मॉनीटरिंग की जा रही है।

-कविन्द्र प्रताप सिंह,

डीआईजी रेंज

Posted By: Inextlive