देहरादून

पिछले 19 वर्षो में स्टेट की पापुलेशन 30 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि क्राइम रिकॉर्ड 40 परसेंट बढ़ गया.प्रदेश में लगातार बढ़ता क्राइम चिंता का विषय है। देहरादून में तो पिछले कुछ दिनों में यूपी,बिहार के शहरों की तरह क्राइम बढ़ रहा है। आए दिन मर्डर, लूट,डकैती और चेन छीन लेने की वारदातें हो रही है। पहाड़ के विकास की जिस उम्मीद के साथ अलग स्टेट बनाया गया था, उसमें देशभर में क्राइम में यूपी का नंबर वन होना भी पहाड़ के शांतिप्रिय लोगों को मजबूरन बदनामी झेलने वाला एक कारण था। वर्ष 2001 में उत्तरांचल नाम से अलग स्टेट बना। स्थापना दिवस स्पेशल स्टोरी सीरीज में आज आपको बताते हैं, कैसे पहाड़ की शांत वादियों में बढ़ता गया क्राइम का ग्राफ।

वर्ष 2001

84 लाख पापुलेशन, 3019 आईपीसी केस:

एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक वर्ष 2001 में उत्तरांचल में 3019 क्रिमिनल केसेज आईपीसी की अलग अलग धाराओं में दर्ज हुए। क्राइम रिकार्ड के समय हालांकि 10 माह का डेटा यूपी के रिकार्ड से लिया गया और 2 माह का उत्तरांचल से, लेकिन फिर भी चर्चा यह थी कि उस समय पहाड़ी क्षेत्र में क्राइम के केसेज कम ही दर्ज होते थे, आधे से अधिक एरिया में रेवेन्यू पुलिसिंग थी। जिसमें एफआईआर दर्ज करने की जगह मामले समझौते से निपटा दिए जाते थे।

वर्ष 2002 में 7976 एफआईआर:

इस वर्ष स्टेट के 13 जिलों में इंडिपेंडेंट तरीके से पुलिस काम करने लगी। कुछ रेवेन्यू एरियाज में भी पुलिस थाने और चौकियां खुले, ऐसे में क्रिमिनल केसेज की संख्या बढ़ने लगी। वर्ष 2002 में स्टेट में टोटल 7976 केसेज अलग अलग आईपीसी सेक्शंस में दर्ज हुए।

वर्ष 2006 में स्टेट उत्तराखंड हुआ,क्राइम रिकॉर्ड 8412:

दिसंबर 2006 में स्टेट का नाम उत्तरांचल से बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। इस वर्ष का क्राइम रिकार्ड भी उत्तराखंड नाम से जारी किया गया। क्राइम रिकॉर्ड बढ़कर 8412 पहुंच गया।

पापुलेशन 1.9 करोड़, क्राइम रिकॉर्ड 12889

उत्तराखंड की पापुलेशन वर्ष 2017 में औसत वृद्धि के अनुसान पापुलेशन 1.9 करोड़ आंकी गई। इस वर्ष के क्राइम का रिकार्ड एनसीआरबी ने हाल ही में जारी किया है.जिसमें आईपीसी के तहत स्टेट में 12889 आईपीसी केसेज दर्ज किए गए।

आत्मनिर्भर बने बेटियां : सीएम

श्रीनगर में राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में महिला सम्मेलन

ाीनगर बेटियों का आत्मनिर्भर होना जरूरी है, जिससे वह आर्थिक रूप से समृद्ध भी हो सकें। माता-पिता को उनकी जिज्ञासा शांत करने में कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए। सरकार महिलाओं के लिए कई कार्य कर रही है। राज्य स्थापना दिवस समारोह की श्रृंखला में बिडला परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बात कही। कहा कि उत्तराखंड में अब ¨लगानुपात में भी सुधार आया है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने को लेकर आर्थिक गतिविधियों का केंद्र गांवों को बनाने के लिए प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। महिला सशक्तीकरण और बेटियों के साथ समान व्यवहार पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को स्वायत्तता देने के साथ ही परिवार में उनकी अच्छी परवरिश भी होनी चाहिए।

Posted By: Inextlive