- जेल में बंद बदमाशों के नाम से मांगी जा रही है रंगदारी, दी जा रही है धमकी

-कई मामले आए सामने, पुलिस के माथे पर बल

शातिर अशोक यादव और रामबाबू के नाम से डॉक्टर्स और मुकदमे के गवाहों को धमकी मिलने के बाद यह साफ हो गया है कि जिला जेल से रंगदारी का खेल चालू है। जेल प्रशासन समय-समय पर बैरकों की तलाशी करता रहता है और दावा करता है कि अंदर सब ठीक है लेकिन इस दावे में कोई दम नहीं है। हालात देखकर लगता है कि जेल में बंद बदमाश जेल प्रशासन से चार कदम आगे हैं और जेल में मोबाइल लाने के नए तरीके ढूंढ लिए हैं।

राजनीतिक गठजोड़

जेल में बंद शातिर बदमाश अपनी राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाते हैं। पार्षद शिव सेठ हत्याकांड के मुख्य आरोपी संतोष शुक्ला दो महीने पहले प्रशासनिक आधार पर सहारनपुर जेल ट्रांसफर कर दिया गया था, मगर वह दोबारा बनारस जिला जेल लौट आया। इसी तरह हत्या कर भागते समय गिरफ्तार शातिर राजकुमार बिंद उर्फ गुड्डू मामा की जेल ट्रांसफर की फाइल भी लटकी हुई है। बांदा ट्रांसफर किए गए अंगद और गोरा राय दोबारा जिला जेल में आ चुके हैं।

यह हैं जिला जेल में बंद

अंगद राय, गोरा राय, रोशन गुप्ता उर्फ किट्टू उर्फ बाबू, राजकुमार बिंद उर्फ गुड्डू मामा, संतोष शुक्ला, आबिद सिद्दीकी, अशोक यादव, रामबाबू यादव।

बयान

जेल से धमकियां मिलने की शिकायत पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। गैंग चलाने वालों के मंसूबों को पुलिस कामयाब नहीं होने देगी। जेल प्रशासन को कड़ाई करने के लिए कहा गया है। व्यवसायी वर्ग भी ऐसे मामलों में तत्काल पुलिस की मदद ले।

आरके भारद्वाज, एसएसपी

जेल प्रशासन अपनी तरफ से हर कोशिश कर रहा है। देर रात और कई बार भोर में भी बैरकों की जांच कराई जाती है। शातिर अपराधी मोबाइल छिपाने के कई तरीके अपनाते हैं। कई बार पेशी पर जाने के दौरान भी वह मोबाइल इस्तेमाल करते हैं।

पवन त्रिवेदी, जेलर, जिला जेल

अफसरों के हर चाल को कर दे रहे नाकाम

-जेल में बंद बदमाशों पर लगाम लगाने का सारे हथकंडे साबित हो रहे नाकाम

-कई तरह से जेल के अंदर पहुंच रहा है मोबाइल

जेल से रंगदारी और धमकी के मामले ने एक बार फिर पुलिस और प्रशासन के माथे पर बल ला दिया है। सच यह है कि जेल के अधिकारियों और बंदियों के बीच लुकाछिपी का खेल अरसे से चल रहा है। मंगलवार को भी जेलर पवन त्रिवेदी ने सभी शातिर बदमाशों की परेड कराई। पूछताछ में सभी ने मोबाइल के इस्तेमाल से साफ इनकार कर दिया। जेलर मानते हैं कि बंदी तरह-तरह के जुगाड़ से मोबाइल जेल के भीतर मंगा रहे हैं। महीना भर पहले ऐसे ही कैनवस बॉल में फंसाकर जेल में फेंका गया मोबाइल बंदीरक्षकों ने बरामद किया था। जेल अधिकारियों ने एक ऐसे बंदी को भी पकड़ा था जिसने जूते की तली में मोबाइल छिपाया था।

शातिरों ने लगातार दी धमकी

-शेरू हत्याकांड के गवाह को बदमाश अशोक यादव के नाम से धमकी आने के बाद लंका थाने में एक शराब व्यवसायी ने भी मुकदमा दर्ज कराया।

-एनकाउंटर में गिरफ्तार हुए रामबाबू ने आदमपुर के एक व्यवसायी को धमकी दी।

-जेल में बंद सनी गिरोह के रोशन गुप्ता उर्फ किट्टू उर्फ बाबू ने भी दालमंडी के एक व्यवसायी को कई बार कॉल कर धमकी दी।

-लक्सा में शातिर संतोष शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उसने एक सराफा व्यवसायी को धमकी दी थी।

गिरफ्तार हुआ गुर्गा

लंका में गवाह के अलावा एक शराब कारोबारी को भी रंगदारी के लिए धमकी देने के मामले में लंका पुलिस ने पवन पांडेय नामक एक युवक को गिरफ्तार किया है। नगवां स्थित एक स्कूल में काम करने वाले पवन पांडेय ने शराब कारोबारी को न सिर्फ धमकाया था बल्कि अशोक से फोन पर उसकी बात भी कराई थी। उसने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि वह व्यवसायियों से रुपये वसूल कर अशोक के भाई भूवर और टेढ़ू यादव को देता है।

Posted By: Inextlive