-डीजे आई नेक्ट के स्टिंग में सामने आया सच, घाटों पर हो रही मादक पदार्थो की बिक्री

-साधु संन्यासी के वेश में तस्करों की टोलियां हैं मौजूद

-खुलेआम हर घाट पर लग रहा चिलम का दम

गंगा के घाटों की खूबसूरती निहारने दुनिया भरे के लोग आते हैं उसे ही नशा करने वाले और नशा बेचने वालों ने बदसूरत बना रखा है। यहां नशे का सामान बेहिसाब बिक रहा है। केशरिया वेशधारी और हाई-फाई नजर आने वाले युवक नशे की तस्करी कर रहे हैं।

इन्हें पुलिस का खौफ और न ही समाज की चिंता। सावन में तो घाट-घाट पर चिलम का दम लग रहा है। भांग की दुकानों पर चोरी छिपे बिकने वाला गांजा घाट तक पहुंच गया है। नशे के इस धंधे की दुनिया देखने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने स्टिंग ऑपरेशन किया। इसमें शामिल रिपोर्टर और फोटोग्राफर खुद नशे के सौदागरों तक पहुंचे और पूरे धंधे को बेनकाब किया। आप भी पढि़ए कैसे हुआ ये स्टिंग ऑपरेशन।

हर कदम चिलम का दम

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम सबसे पहले राजेंद्र प्रसाद घाट पहुंची। यहां कांवरियों की भीड़ उमड़ी है। केशरिया रंग से सजी उनकी टोली हर तरफ जमी है। एक तरफ कुछ साधु वेशधारी चिलम दहका रहे हैं। जानकारी मिली कि उनके पास ही गांजा की बिक्री भी हो रही है। रिपोर्टर बाबा के पास पहुंचा। बिना किसी औपचारिकता से सीधे सवाल किया। बाबा गांजा की पुडि़या है। बाबा भी पक्के प्रोफेशनल, बोरे के नीचे से एक पुडि़या निकाला और थमा दिया। दाम बताया 80 रुपये। रिपोर्टर रुपये देकर गांजा की पुडि़या लेकर आगे बढ़ चला।

लो लगाओ दम

घाट पर खुलेआम हो रहे नशे के इस धंधे से स्तब्ध दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम आगे बढ़ चली। चेतसिंह घाट पर कुछ साधु और युवक चिलम का दम लगा रहे थे। रिपोर्टर इनके पास पहुंचा। यहां भी सीधा सवाल गांजा मिलेगा। युवकों भी सधे हुए, साफ लहजों में कहा सब मिलेगा, लीजिए पहले दम लगाइए। रिपोर्टर को यहां भी 80 रुपये में एक पुडि़या गांजा मिल गया।

दूर-दूर से आ रहा माल

बाबा बने एक गांजा तस्कर को भरोसे में लेकर रिपोर्टर ने इस धंधे के बारे में चौंकाने वाली जानकारी हासिल की। कुछ यूं हुई तस्करों से रिपोर्टर की बातचीत

रिपोर्टर - बाबा गांजा क्या खुलेआम बिकता है?

बाबा-जानते तो सब हैं, इसे गांजा नहीं सब माल कहते हैं।

रिपोर्टर-कहां से आता है ये माल

बाबा-आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान समेत कई प्रदेश से आता है

रिपोर्टर-किसको बेचते हैं आप लोग गांजा

बाबा-इसके शौकीन तो बढ़ते जा रहे हैं सावन में तो जबरदस्त बिक्री बढ़ गयी है।

रिपोर्टर-कितने में बिकता है गांजा

बाबा-भांग की दुकानों पर 70 रुपये, 140 रुपये और 280 रुपये की पुडि़या साइज के मुताबिक है। घाट पर 80 से 100 रुपये मिल जा रहे छोटी पुडि़या के

मुंशी घाट से मान महल तक

मादक पदार्थ की रोकथाम को लेकर पुलिस अभियान चला रही है लेकिन फिर भी लगभग सभी घाटों पर अवैध तरीके से मादक पदार्थो की बिक्री हो रही है। मुंशी घाट से लेकर मान महल तक इस बीच गांजा और भांग की बिक्री सबके अधिक हो रही है। गंगा जल लेने वाले कावंरियों की संख्या इन्ही घाटों के बीच में सबसे अधिक उमड़ती है। लिहाजा मादक तस्करों की निगाहें इन घाटों पर सबसे अधिक है। वैसे तो अस्सी घाट से लेकर हरिश्चंद्र घाट के बीच में तो कई ऐसे चिह्न बने हुए जहां समझ में आ जाता है कि कहां मादक पदार्थ अवेलेबल है। फॉरेनर्स तक को समझने के लिए उनकी भाषा में घाटों की दीवारों पर कई साइन बनाए गए हैं। कुछ चाय वेंडर भी घाटों पर गांजा की बिक्री कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive