-नौकरी दिलाने वाले गैंग का सरगना गिरफ्तार

-फर्जी नियुक्ति पत्र देकर कराते थे ट्रेनिंग, पांच युवकों से 13 लाख ऐंठे

-विभिन्न विश्वविद्यालयों का बनाते थे फर्जी मार्कशीट, तीन आरोपित फरार

VARANASI

यूपी बोर्ड कार्यालय में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले का खुलासा कैंट पुलिस ने शनिवार को किया। गैंग के सरगना अनुराग पांडेय को गिरफ्तार किया है जबकि तीन साथी भाग निकले। इससे पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली। पांच युवकों से 13 लाख रुपये ऐंठ लेने की बात स्वीकार की है। जनवाडीह खुर्द थाना फूलपुर प्रयागराज, वर्तमान पता-बोर्ड ऑफिस कालोनी पहाड़पुर निवासी गिरफ्तार आरोपित अनुराग ने बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों से फर्जी मार्कशीट के आधार पर बेरोजगार युवकों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिया जाता था।

दस हजार में फर्जी मार्कशीट

फर्जी मार्कशीट बनाने के लिए आठ से 10 हजार रुपये लिए जाते थे। बोर्ड कार्यालय में ही ट्रेनिंग भी कराई जाती थी। पुलिस ने कचहरी स्थित एक राष्ट्रीयकृत बैंक सामने स्थित फोटो स्टेट की एक दुकान पर भी छापेमारी की। जहां से फर्जी कागजात, मुहर, स्टांप पेपर व मार्कशीट बरामद किया गया। 12 मार्च को चौबेपुर निवासी रवि कुमार ने कैंट थाना में तहरीर दी।

पुलिस को बताया कि अनुराग पांडेय ने बोर्ड कार्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर उससे और उसके एक साथी शुभम सोनकर से सात लाख रुपये ऐंठ लिया है। अन्य साथी मुकेश सोनकर, राकेश सोनकर व अजय सोनकर से दो-दो लाख रुपये लिए हैं। अनुराग पांडेय ने रविवार को फर्जी नियुक्ति पत्र दिया और बोर्ड कार्यालय में ट्रेनिंग के दौरान स्टाफ रजिस्टर बताकर हस्ताक्षर भी कराया। दो दिन तक कार्यालय में ड्यूटी भी कराई गई। बाद में धोखाधड़ी की जानकारी हुई तो सभी साथियों ने उससे दिए पैसे की मांग की तो आरोपित ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर गाली-गलौच किया। जान से मारने की धमकी भी दी। कैंट सीओ मुश्ताक अहमद ने बताया कि फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने के नाम पर अब तक 10 युवकों ने शिकायत की है।

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बोर्ड कार्यालय कर्मियों पर भी शक

कैंट सीओ ने बोर्ड कार्यालय के कर्मियों की संलिप्तता की आशंका जाहिर की। कहा कि आरोपित अनुराग के पिता जगदीश प्रसाद पांडेय बोर्ड कार्यालय में कार्यरत हैं। जिस तरह से कार्यालय में ट्रेनिंग कराई गई है, उस आधार पर कार्यालय के कर्मियों की संलिप्तता को लेकर भी जांच कराई जा रही है। इसके अलावा कई ऐसे फोटो स्टेट की दुकानें हो सकती हैं जहां पर फर्जी मार्कशीट व मुहर आदि बनाने का काम होता है। इन बिंदुओं को केंद्रित कर जल्द ही ऐसे दुकानदारों की धर-पकड़ शुरू होगी।

Posted By: Inextlive