-केस सॉल्व करने का पुलिस को नहीं मिल रहा मौका

-एक घटना की जांच में उलझी पुलिस को दूसरी घटना को अंजाम देकर क्रिमिनल्स दे रहे चैलेंज

-हाल के दिनों में सिटी में क्राइम इंसिडेंट्स में हुई है बढ़ोतरी

-पुलिस डाटा के मुताबिक इस साल अप्रैल तक हर महीने हुए 9 मर्डर तो 81 चोरी की घटनाएं

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सिटी में क्रिमिनल्स का तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा है। छोटे-छोटे विवाद में गोली मारने की घटनाएं बढ़ रही हैं। पुलिस एक केस को सॉल्व करने में माथापच्ची कर रही होती है कि क्रिमिनल्स पुलिस को दूसरा टास्क दे देते हैं। इन घटनाओं के संबंध में पूछे जाने पर पुलिस इन्हें जल्द सुलझाने का दावा जरूर करती है।

संभलने का मौका नहीं

हाल के दिनों में कई ऐसे केसेज सिटी में सामने आए हैं, जो अब तक पुलिस के लिए अनसॉल्व्ड हैं। कई मामलों में पुलिस को बेहतर इंवेस्टिगेटिंग फैसिलिटी नहीं मिलती है। कुछ दिन पहले ही एसएसपी ने सभी थानेदारों के साथ मीटिंग कर उन्हें क्राइम कंट्रोल करने की दिशा में पहल करने के साथ ही पुराने केसेज को सॉल्व करने का निर्देश दिया था, लेकिन क्रिमिनल्स पुलिस को संभलने का मौका ही नहीं दे रहे।

हत्यारे पुलिस की पकड़ से बाहर

कदमा थाना एरिया में घर में घुसकर महिला की हत्या करने का मामला हो या टेल्को थाना एरिया स्थित नीलडीह में टाटा स्टील के अधिकारी की हत्या का मामला हो, पुलिस किसी भी मामले का खुलासा नहीं कर सकी है। पहली घटना हाल की है तो दूसरी हाई प्रोफाइल मर्डर का मामला है, लेकिन पुलिस के लिए दोनों ही अनसुलझे हैं। अब सैटरडे को टेल्को थाना एरिया स्थित जेम्को में युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना को अंजाम देने में गोल्डी सिंह का नाम आ रहा है, लेकिन वह अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।

अप्रैल तक हर महीने हुए 8 द्वह्वह्मस्त्रद्गह्म

अगर वर्ष 2011-12 की बात करें, तो दोनों साल डिस्ट्रिक्ट्स में 85-85 मर्डर इंसिडेंट्स हुए जो बढ़कर वर्ष 2013 में 101 तक पहुंच गया। अब वर्ष 2014 की बात करें तो पुलिस की ओर से जारी क्राइम डाटा के मुताबिक अप्रैल तक ही 36 मर्डर इंसिडेंट्स हो चुके हैं, यानी हर महीने 9 मर्डर। अगले दो महीनों यानी मई और जून में भी मर्डर की कई घटनाएं हुई हैं। जून में तो क्रिमिनल्स पुलिस को सांस लेने तक का मौका नहीं दे रहे हैं।

चोरी, डकैती घटनाएं बढ़ी

अगर डकैती की बात करें, तो इस मामले में भी इस साल बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2013 में ईस्ट सिंहभूम में पूरे साल में डकैती की 11 घटनाएं हुई थीं, जबकि इस साल अप्रैल तक ही सात घटनाएं हो चुकी हैं। लास्ट इयर साल भर में घर में डकैती की नौ घटनाएं हुईं, जबकि इस साल सिर्फ अप्रैल तक पांच घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा इस साल केवल अप्रैल तक चोरी की 325 घटनाएं दर्ज हुई हैं।

Posted By: Inextlive