-आचार संहिता लगने के बाद गोरखपुर पुलिस की कार्रवाई ठप, बेखौफ हो गए बदमाश

-लोगों की समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान, चुनाव में व्यस्तता का बना रहे बहाना

-जनसभा, रैली सहित अन्य कार्यक्रमों के लिए मांगी गई फोर्स

GORAKHPUR: जिले में होने वाली आपराधिक घटनाओं की दौड़भाग पर चुनाव की ड्यूटी भारी पड़ने लगी है. इलेक्शन की तैयारियों का बहाना बनाकर पुलिस कर्मचारी रूटीन के मामलों को टाल रहे हैं. थानों और चौकियों पर फरियाद लेकर पहुंचने वाले लोगों को चुनावी व्यस्तता का हवाला दिया जा रहा है. जबकि, सिर्फ चुनाव आचार संहिता लागू होने से तहसील और थाना समाधान दिवस पर ही रोक है. किसी अन्य घटना की सूचना पर पुलिस हांफ जा रही है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चुनाव को देखते हुए तैयारियां चल रही हैं. वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है.

अपराध हुआ तो अपने आप संभ्ालिए मामला

हाल की आपराधिक घटनाओं ने पुलिस का सिरदर्द बढ़ा दिया है. आए दिन छिनैती, लूट और चोरी हो रही है. इस पर पुलिस बजाय ठोस कार्रवाई के चुनाव में व्यस्तता का बहाना बना रही है. इससे लोगों में पुलिस पर से भरोसा उठ रहा है. पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि सनसनीखेज घटनाओं की सूचना पर पुलिस पहुंच जाती है. लेकिन अन्य समस्याओं के समाधान के लिए वक्त निकालना मुि1श्कल है.

केस एक:

कोतवाली एरिया में सेंट एंड्रयूज कालेज के पास प्रापर्टी डीलर पर जानलेवा हमला करने के मामले में पुलिस की कार्रवाई नहीं कर सकी है. पीडि़त का आरोप है कि अभियुक्तों के घर पर पुलिस दबिश नहीं दे रही है. तर्क दिया जा रहा है कि इलेक्शन की व्यस्तता है. जल्द आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा.

केस दो:

शाहपुर एरिया में किसी ने देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को खंडित कर दिया था. मोहल्ले के लोगों की शिकायत पर पुलिस दो दिन तक छानबीन में जुटी रही. बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. चुनाव के तैयारियों में बिजी होने से पुलिस अन्य रूटीन वर्क फोकस नहीं हो पा रही है.

गोरखपुर से बाहर भेजी जाएगी फोर्स

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में गोरखपुर में इलेक्शन होंगे. इसके पूर्व अन्य छह चरणों का मतदान कराने के लिए गोरखपुर से पुलिस बल ड्यूटी के लिए बाहर भेजी जाएगी. दो चरण में चुनाव कराने के लिए पुलिस बल भेजने की तैयारी हो गई है. हर जगह से फोर्स मांगकर रवानगी लिस्ट तैयार कर दी गई है. गोरखपुर जिले से करीब एक हजार लोगों को अन्य जगहों पर चुनाव ड्यूटी में भेजा जाएगा. इस वजह से फोर्स की भारी कमी महसूस की जा रही है. इलेक्शन को देखते हुए 15 मार्च से ही सभी पुलिस कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है. चुनाव में पेट्रोलिंग के लिए दो कंपनी पीएसी और पैरामिलेट्री पुलिस को मिल गई है. रोजाना फ्लैग मार्च निकालकर पुलिस लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने में जुटी है.

इलेक्शन में ऐसे बिजी हो जाती पुलिस

-बदमाशों के ऐसे वक्त का इंतजार रहता है जब पुलिस ज्यादा बिजी हो.

-इलेक्शन के दौरान पुलिस का पूरा जोर शांति व्यवस्था बनाए रखने में होता है.

-चुनाव के दौरान वीआईपी मूवमेंट होने से अन्य तरह की ड्यूटी करीब बंद हो जाती है.

-थानों और चौकियों पर तादात कम होने से पुलिसकर्मचारी अक्सर तनाव में रहते हैं.

-अन्य ड्यूटियों की दौड़भाग में अक्सर थाने और पुलिस चौकी खाली हो जाते हैं.

इतनी फोर्स भेजी जाएगी बाहर

जोन के 11 जिलों में कुल पुलिस बल- 20000

गोरखपुर जिले में तैनात पुलिस बल- 3200

25 थानों पर तैनात कुल कांस्टेबल- 1459

पहले चरण के लिए भेजी जाने वाली फोर्स- 4121

दूसरे चरण के मतदान के लिए ड्यूटी- 4531

गोरखपुर से रवाना की जाने वाली फोर्स- 1140

किस तरह प्रॉब्लम आती सामने

-आपसी विवादों की सूचना पर पुलिस दोनों पक्षों के साथ पंचायत नहीं कर पाती.

-भूमि पर कब्जे और नाली-नाबदान की शिकायतों की जांच और समाधान में वक्त लगता है

-पुलिस के विभाग के रूटीन के अन्य सभी कामों के लिए फोर्स की कमी हो जाती है.

-चुनाव की दौड़भाग में अफसर और थानेदार अपने दफ्तर में पूरा समय नहीं दे पाते हैं.

-आचार संहिता के अनुपालन की व्यस्तता से थानों पर तैनात पुलिस बल पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं.

-जगह-जगह बैरियर बनाकर चेकिंग शुरू करा दी गई है. थानों के सिपाही वहां भी तैनात किए जा रहे हैं.

वर्जन और कुछ आंकड़े भी मिलेंगे

Posted By: Syed Saim Rauf