Criminal minded 'engineer'
एक एयरफोर्स कर्मचारी
एसपी क्राइम अरुण पाण्डेय ने बताया कि जून में अल्लापुर निवासी राजेश पटेल ने जार्जटाउन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। कहा था कि उसके बैंक एकाउंट से 23 हजार रुपए की ई-शॉपिंग फर्जीवाड़ा करके की गई। एअरफोर्स इंप्लाई आशुतोष ने भी हाल ही में जार्जटाउन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। फर्जीवाड़ा करके उनके एकाउंट से भी 48,445 रुपए की ई-शॉपिंग की गई। राजेश और आशुतोष, दोनों का बैंक एकाउंट भारतीय स्टेट बैंक अल्लापुर शाखा में है।
बड़े शातिर थे ये आरोपी
पुलिस ने छानबीन शुरू की तो उसे हर मोड़ पर गच्चा खाना पड़ा। ई-शॉपिंग डिटेल से पता चला कि आरोपियों ने, मोबाइल नंबर से लेकर एड्रेस तक, सारी फेक डिटेल दी थी। जार्जटाउन पुलिस के साथ एसएसपी पीआरओ ज्ञानेन्द्र राय भी जांच में जुटे। सर्विलांस के थ्रू आरोपियों पर शिंकजा कसना शुरू किया गया। जांच में पता चला कि प्रमोद नामक युवक के नाम से ऑनलाइन एअर टिकट बुक कराए गए। इस टिकट पर एक युवक दिल्ली से मुम्बई जाने वाला है। मामले की जानकारी दिल्ली पुलिस को दी गई। इस पर एयरपोर्ट पर प्रमोद के नाम पर यात्रा करने वाले युवक को अरेस्ट कर लिया गया। उसने अपना नाम देवलऋषि बताया। सिटी की पुलिस दिल्ली पहुंची और उसे अपने साथ लाई। देवलऋषि के बताने पर ही अल्लापुर में रहने वाले उसके साथी धनंजय सिंह को भी अरेस्ट कर लिया गया।
जार्जटाउन पुलिस ने बताया कि धनंजय सोनभद्र का रहने वाला है। बीटेक करने के बाद वह दारागंज में रेंट पर रूम लेकर रहने लगा। उसने फर्रुखाबाद निवासी देवलऋषि और आगरा निवासी अंकुर के साथ नोएडा स्थित इंस्टीट्यूट से बीटेक किया है। तीनों जॉब की तलाश में था। इसी दौरान उन्होंने साइबर क्राइम करना शुरू कर दिया। पुलिस अंकुर की तलाश कर रही है।
ये थी इनकी modus operandi
पुलिस के मुताबिक तीनों गाजियाबाद से ही फर्जीवाड़ा करने लगे थे। यहां एटीएम से ट्रांजक्शन करने के दौरान इन्होंने राजेश व आशुतोष का एटीएम कार्ड नंबर और पासवर्ड देख लिया। अब इसी के थ्रू ये ऑनलाइन शॉपिंग करने लगे। फेक आईडी की मदद से ऑनलाइन एयर टिकट भी बुक कराने लगे। इसी दौरान देवल की मुम्बई में जॉब लग गई। इसके बाद भी उसने फर्जीवाड़ा नहीं छोड़ा। अब तीनों मुम्बई से दिल्ली जाने का फर्जी टिकट फेक आईडी पर बुक कराकर लोगों को सेल करने लगे। लोगों को फंसाने के लिए 10 प्रतिशत डिस्काउंट भी देने लगे। इस तरह आरोपी एटीएम कार्ड नंबर व पासवर्ड याद करके 24 घंटे के अंदर व्यक्ति का बैंक एकाउंट खाली कर देते थे।
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक तीनों ने ब्लू डॉट से 1400 रुपए का चश्मा, 1100 रुपए की जींस, सोनी कंपनी का महंगा मोबाइल, डॉयमंड और लैपटॉप आदि की परचेजिंग की। सिटी में रहने के दौरान तीनों ने पिज्जा खरीदने में सैकड़ों रुपए खर्च किए। खास बात ये थी कि इंटरनेट के थ्रू ही ये इसकी बुकिंग कराते थे। धनंजय और देवलऋषि ने ऐसे ही फर्जीवाड़ा करके कई बार मुम्बई से दिल्ली तक की एयर जर्नी भी की।हाईटेक अपराधीदेवलऋषि
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नया नहीं है मामला
वैसे एटीएम कार्ड नंबर और पासवर्ड चुराकर बैंक एकाउंट से रुपए उड़ाने वाला यह पहला गैंग नहीं। पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। एक मामला सिविल लाइंस में हुआ था। तीन टीनएजर ने इसी तरह फर्जीवाड़ा कर एक व्यक्ति के एकाउंट से पैसे उड़ाए। एक अन्य मामले में एयू के हॉस्टलर्स पर भी आरोप लगा था। हॉस्टलर्स के पास ऑनलाइन शॉपिंग के थ्रू खरीदी गई टीवी व अन्य आइटम बरामद किए गए थे।