- तीन सालों में हो गईं 386 वारदातें, पुलिस फिर भी खुद की ठोक रही पीठ

- नया साल शुरू होते चढ़ा क्राइम के ग्राफ का पारा, कातिलों को पकड़ने में उलझी है पुलिस

विनय कुमार शुक्ला

बरेली : बीते साल कई बड़ी और ज्यादा वारदातें हुईं लेकिन पुलिस इन्हें कम बताती रही और ज्यादातर का खुलासा करने की बात कह रही है। वहीं, अभी नया साल शुरू हुए छह दिन भी नहीं हुए हैं कि वारदातें गिनी जा सकती हैं। बैक टू बैक मर्डर हुए। लूट और चोरी की घटनाएं भी कम नहीं हैं। हाईटेक पुलिस की फुर्ती की पोल तब ज्यादा खुलती है जब बीते तीन सालों के क्राइम रिकॉर्ड पर नजर डालते हैं। जी हां, तीन साल में करीब 386 हत्याओं के मामले सामने आए हैं। इसमें 164 महिलाओं की दहेज के लिए हत्या कर दी गई। हत्याओं के कई मामले आज भी पुलिस केस डायरी में अनसुलझे हैं। कई में तो पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट (एफआर) भी लगा दी है। डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) से मिले आंकड़े पुलिस की कार्यशैली की हकीकत बयां कर रहे हैं।

तीन साल में वारदातें

साल मर्डर दहेज हत्या

2017 95 53

2018 91 61

2019 36 50

टोटल 222 164

न्यू ईयर शुरू होते ही वारदातें

1. 31 दिसंबर रात एक बजे शिव गंगा कॉलोनी के बीमा कंपनी के घर पड़ी डकैती।

2. दो जनवरी को देवरनियां में तेरह दिन से गायब मासूम छात्र की तलाब में मिली लाश।

3. तीन जनवरी को बदमाशों ने कोरियर कंपनी के संचालक को अगवा कर लूटे 18 हजार

4. चार जनवरी को अलीगंज ग्राहक सेवा केंद्र संचालक से लूटे डेढ़ लाख

4. पांच जनवरी तड़के सीबीगंज में बदमाशों ने प्लाईवुड कंपनी के कर्मचारियों से लूटे पचास हजार

सॉल्व नहीं हुए यह केस

20 जून : अयान हत्याकांड

कैंट के नकटिया चेतना कॉलोनी निवासी मदन सैफी का बेटा अयान सैफी(16) ठिरिया के जवाहर मीना इंटर कॉलेज में हाईस्कूल का स्टूडेंट था। बीती 18 जून 2019 को एक्टिवा से वह नकटिया के होटल से चिकन लेने गया था। इसके बाद से वह लापता हो गया। अगले दिन घर वालों ने कैंट थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बावजूद उसके सुराग नहीं मिला। 20 जून को उसकी लाश उड़लाजगीर गांव की एक नहर किनारे मिली थी।

15 सितंबर : उमरिया में मर्डर

बीते 15 सितंबर 2019 को उमरिया की श्मसान भूमि पर एक युवक की लाश मिली थी। हत्यारों ने युवक के सिर को पत्थर से कुचल कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। घटनास्थल पर पुलिस को लाश के पास शराब की बोतलें और खून से सना पत्थर मिला था। इस हत्याकांड का खुलासा करना तो दूर की बात है। अभी तक पुलिस शव की शिनाख्त तक नहीं कर सकी है।

11 सितंबर : कारोबारी की हत्या

महेशपुरा फाटक के पास गाजियाबाद के एक कारोबारी की लाश मिली थी। कारोबारी किला में एक दुकानदार से पेमेंट लेने आया था। इसके बाद से वह लापता हो गया। गश्त के दौरान सुभाषनगर पुलिस को उसकी लाश मिली थी। शरीर पर गहरे जख्म के निशान मिले थे। दो दिन बाद कारोबारी के बेटों को घटना की जानकारी हुई, बेटों का आरोप था कि उसके पिता के बैग में कैश था जिसे कातिलों ने लूट लिया। इस मामले में भी पुलिस कातिलों का सुराग नहीं लगा सकी।

Posted By: Inextlive