-ढूंढे नहीं मिल रहे लेबर, जुलाई तक एम्स में मेडिकल कॉलेज व नर्सिग कॉलेज तैयार करना नहीं रहा आसान

-एम्स प्रोजेक्ट पर काम कर रहे लेबर और ठेकेदारों की संख्या घट कर हो गई आधे से भी कम

GORAKHPUR: जुलाई तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मेडिकल कॉलेज, नर्सिग कॉलेज और हॉस्टल का निर्माण नहीं हो पाएगा. वजह है भीषण गर्मी. गर्मी बढ़ने के साथ ही मजदूर वापस घर लौटने लगे हैं. प्रोजेक्ट पर काम करवाने के लिए लेबर और ठेकेदार ढूंढे नहीं मिल पा रहे हैं. पहले से जो लेबर और ठेकेदार काम कर रहे थे उनकी संख्या भी घट कर आधे से कम हो गई है. इससे जो काम जुलाई तक पूरा होना था वो असंभव हो गया है.

घटे लेबर, सुस्त हो गया काम

पूर्वाचल के गोरखपुर एम्स के लिए अधिग्रहित गन्ना शोध संस्थान की 112 एकड़ जमीन पर एम्स निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. इस साल जनवरी में प्रोजेक्ट पर 50 ठेकेदार और करीब 3000 लेबर काम कर रहे थे. ठेकेदारों और लेबर्स की इस भारी भरकम फौज के कारण ही इस साल एम्स में आयुष ओपीडी शुरू कर पाना संभव हुआ. लेकिन अप्रैल के बाद से इस संख्या में भारी गिरावट आई है. इस समय एम्स में महज 20 ठेकेदार और करीब 800 से 1000 लेबर काम कर रहे हैं. उनकी कार्यक्षमता भी गर्मी के कारण प्रभावित हो रही है. इससे काम सुस्त रफ्तार से चलने लगा है. प्रोजेक्ट से जुड़े लोग भी अब यह स्वीकार कर रहे हैं कि जुलाई तक कॉलेज और हॉस्टल का निर्माण संभव नहीं है.

अभी तक नहीं हो सकी है फिनिशिंग

गोरखपुर एम्स में मेडिकल कॉलेज, नर्सिग कॉलेज और हॉस्टल के लिए बन रहे भवनों के स्ट्रक्चर का काम ही अभी पूरा हो पाया है. इन भवनों के प्लास्टर और फिनिशिंग का काम बाकी है जो लेबर संकट के चलते प्रभावित हो रहा है. आवासों के निर्माण का भी कमोवेश यही हाल है.

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प्रोटेक्ट मैनेजर ने नहीं की बात

लार्सन एंड टुब्रो कंपनी के जूनियर प्रोजेक्ट मैनेजर वीके रावत से लेबर के क्राइसिस और निर्माण कार्य समय से पूरा होने के संबंध में बातचीत की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

गोरखपुर में एम्स

- गोरखपुर में एम्स का निर्माण करीब 1749 करोड़ रुपए में होना है.

- फिलहाल इसके आयुष ओपीडी तैयार हो चुकी है और चल भी रही है.

- शासन के निर्देशानुसार एम्स की पूरी परियोजना अप्रैल 2020 तक पूरी कर लेनी है.

- 300 बेड के हॉस्पिटल बिल्डिंग और हाउसिंग का निर्माण कार्य सितंबर 2019 तक पूरा कर लेना है.

- 420 बेड के हॉस्पिटल बिल्डिंग, ऑडिटोरियम एवं पीजी हॉस्टल का निर्माण अप्रैल 2020 तक पूरा किया जाना है.

- एम्स में 750 बेड का अस्पताल होगा जहां पेशेंट्स को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.

एम्स के शुरुआती निर्माण में लगे लेबर - 3000

ठेकेदार - 50

अप्रैल में लेबर - 800

अप्रैल में ठेकेदार -20

एम्स में बेड - 750

- एक एकेडमिक ब्लॉक और पेशेंट्स के तीमारदारों के ठहरने के लिए रैन बसेरा

- एक ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस का निर्माण

- 172 आवासों के साथ 120 छात्रों तथा 240 छात्राओं के लिए यूजी हॉस्टल की स्थापना

- 599 स्टूडेंट्स के लिए पीजी हॉस्टल

- 432 नर्सिग स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल

- ओपीडी में तीन संकाय होंगे, जिनमें सर्जिकल, मेडिसिन तथा स्त्री व प्रसूति रोग विभाग सहित 29 विभाग

Posted By: Syed Saim Rauf