- फसलों को भी पहुंचने लगा है गहरा नुकसान

- कहीं लागत भी निकाल पाना हो न जाए मुश्किल

Meerut सिटी में बरसात से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। पिछले दिनों बेमौसम की हुई बरसात ने किसानों की सिरदर्दी बढ़ा दी है। मौसम विभाग के मुताबिक मार्च के माह से सूरज की तेज किरणें अपना असर दिखाने लगती है। मौसम विभाग के अनुसार मार्च के माह में ओले वाली वर्षा होना बहुत ही नुकसानदायक है। डॉ। अशोक कुमार के अनुसार अभी अगले सप्ताह तक मौसम के बनने और बिगड़ने की ही स्थिति बनी रहेगी।

आलू के साथ ही फसलों पर भी बुरा असर

एग्रीकल्चर ऑफिस इंचार्ज डॉ। आरएस संगर के अनुसार मौसम का सबसे बुरा असर पड़ता है तो वो किसानों पर ही पड़ता है। फसलों को सड़ने और आलू के गलने लगे हैं। प्रारम्भिक पड़ताल के बाद चना, मटर, मसूर, सरसो की फसल की फसल को नुकसान पहुंचा है। अगर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है तो वो है आलू और गेहूं। जिसकी वजह से किसानों को काफी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। आलू और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने के कारण इनके दामों भी उछाल आने की संभावना जताई जा रही हैं।

कितने हद तक हुआ है नुकसान

डॉ। आरएस संगर ने अनुसार किस चीज पर कितना भारी हुआ है नुकसान

चना- क्0 फीसदी

मसूर- क्भ् फीसदी

मटर- क्0 फीसदी

टमाटर - क्ख् फीसदी

गेहूं- क्भ् फीसदी

आलू- फ्भ् फीसदी

अगर हम विभागीय आंकड़ों पर जाए तो इनमें सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं और आलू की खेती में ही हुआ है। आलू और गेहूं दोनों ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

बारिश से गेहूं आलू बर्बाद

बारिश से हजारो किसानों की गेहूं आलू समेत कई सारी फसले बर्बाद हो गई है। बारिश का ज्यादा असर उन खेतों पर पड़ा है, जिन खेतों की फसले दो दिन पहले हुई बारिश में गिर गई थी। जानकारों का मानना है कि अब इन फसलों में जहां दाना बढ़ नहीं पाएगा, वहीं सड़ने की भी आशंका बढ़ गई है। इंचौली गांव निवासी अरुण ने बताया इस बार आलू की खेती करवाई थी। उन्होंने बताया कि इस बारिश में उनकी आलू की फसल को काफी नुकसान हो रहा है। घाट गांव निवासी अमन कुमार ने बताया कि पिछले दिनों लगातार हुई बारिश से गेंहू की फसल जो पहले गिर गई थी, वह खेतों में ही सड़ने लगी है। जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से किसानों की रबी फसलें चौपट हो गई हैं। वहीं बारिश के बाद अचानक निकली तेज धूप ने किसानों पर दोहरी मार डाल दी। जानी निवासी हुसैन ने बताया कि रबी की फसलों के साथ ही फूलदार फसलों में सरसो, अरहर, चना, मटर, आलू सहित अन्य फसलें टूट कर जमीन में गिर गई हैं। मुंडाली गांव निवासी रुपेश ने बताया कि बारिश से जहां रबी व आलू की फसलों का नुकसान हुआ है। वहीं बारिश के बाद निकली धूप से गेहूं के अलावा अन्य फसलें भी बर्बाद हुई हैं।

पानी बरसने की वजह से आलू, मसूर, चना, और मटर को नुकसान हुआ है। धूप निकलने से गेहूं की फसल को कुछ फायदा होने की उम्मीद है। गेहूं की बलियों में भरा पानी सूखकर खत्म होगा तो पेड़ फिर सीधे हो सकते हैं। हां जो जड़ से उखड़ चुके हैं वहीं असली नुकसान है। कुल मिलाकर गेहूं की फसल में क्भ् फीसदी तक का नुकसान हो सकता है।

डॉ। आरएस संगर, ऑफिस इंचार्ज एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी

कभी तेज धूप तो कभी बरसात आने वाले एक सप्ताह तक अभी मौसम के बनने और बिगड़ने की संभावना है। फिलहाल अभी आने वाले तीन चार दिन में मौसम के फिर से पलटी खाने के चांस हैं, जिससे बारिश की संभावना है।

डॉ। अशोक कुमार, प्रोफेसर, सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलोजी

धूप देख किसानों को कुछ राहत

पिछले दिनों हुई बारिश से जहां किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं अब सोमवार को निकली धूप से किसानों को कुछ राहत की उम्मीद हुई है। सोमवार को निकली धूप के बाद किसान अपने-अपने खेतों का जब जायजा लेने पहुंचे तो उनके चेहरे की रौनक उड़ गई। वहीं कुछ किसानों ने सरसों व आलू की फसलों की खुदाई व कटाई भी शुरु कर दी। भावनपुर गांव रहने वाले किसान देवेश कुमार ने बताया कि गेहूं की फसल खड़ी हो सकती है। वहीं नागेंद्र बताते हैं कि धूप के निकलने के बाद सरसों की फसल की कटाई की है। किसान लोकेंद्र ने बताया कि उनका गेहूं व धनिया तो सबकुछ नष्ट हो गया है। इसकी पैदावार ख्0 प्रतिशत ही बचेगी। लागत ही निकल पानी मुश्किल है, आलू बोया था जिसकी खौदाई कर रहा हूं।

गेहूं सरसों, मटर व आलू की फसलें खराब

बिना मौसम बरसात ने गेहूं, आलू, सरसों अरहर व मटर सहित सभी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। लोगों का मानना हैं कि एक दो दिन और वर्षा हो होती तो किसान तबाह हो जाते। एक तरफ आलू के खेतों में पानी रुकने से आलू के सड़ने की संभावनाएं बढ़ गई है तो वहीं फूल रही सरसों व अरहर की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा है। भीष्मनगर निवासी सुमेंद्र बताते हैं कि रबी की फसल इस वर्ष अब तक अच्छी मानी जा रही थी। नहरों में बहुत कम पानी आने के बावजूद बीच-बीच में हुई बरसात में फसलों की सिचाई हो गई थी। जिससे फसल को लाभ हुआ था था। कुछ फसलों में फलिया बन चुकी थी। मगर बरसात ने सभी फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया हैं। सड़ने की सबसे ज्यादा संभावना मटर की फसल पर है। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से डॉ। आरएस संगर ने बारिश को प्रतिकूल बताते हुए बताया कि किसान आलू पकने के इंतजार में खुदाई नहीं कर रहें थे। ऐसे में बारिश का पानी खेतों में भरने से आलू अधिकांश मात्रा में सड़ने लगा है।

किसानों की तोड़ी कमर

Posted By: Inextlive