RANCHI:राजधानी में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हालत यह है कि अब नए इलाकों से भी मरीज मिलने लगे हैं। इस वजह से कोरोना के फैलने का खतरा भी काफी बढ़ चुका है। वहीं भीड़-भाड़ वाली जगहों से भी कोरोना स्प्रेड होने लगा है। इसी का डर अब सिटी के दोनों ही गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स के ओपीडी में भी है। जहां से कोरोना फैलने की पूरी आशंका है। इसके बावजूद वहां पर मरीज दूरी नहीं रख रहे हैं। इतना ही नहीं, कई लोग तो बिना मास्क के ही पहुंच रहे हैं। वहीं ड्यूटी में तैनात गा‌र्ड्स भी इन्हें हटाने को लेकर गंभीर नहीं हैं। लेकिन वे यह नहीं जानते कि उनकी लापरवाही कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।

मौसमी बीमारी के मरीज ज्यादा

मानसून के आते ही मौसम बदल गया है। इस वजह से लोगों को मौसमी बीमारियों ने अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में इलाज के लिए लोग अब ओपीडी में पहुंच रहे हैं। चूंकि यहां पर इलाज कराने के लिए केवल पांच रुपए ही खर्च करने होते हैं। वहीं कई टेस्ट भी फ्री में हो जाते हैं। और जो टेस्ट चार्जेबल है उसकी भी सरकारी दर पर जांच हो जाती है। इसके बाद अधिकतर दवाएं भी डिस्पेंसरी में फ्री में मिल जाती हैं। जबकि इसी काम के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में कम से कम 1000 रुपए तक खर्च करने पड़ जाएंगे। इसके अलावा अगर डॉक्टर ने टेस्ट लिख दिया तो फिर कहना ही नहीं। यही वजह है कि मरीजों की भीड़ रिम्स और सदर में काफी बढ़ी हुई है।

रिम्स

हर दिन 700-800 मरीज हॉस्पिटल के ओपीडी में पहुंच रहे हैं। हालांकि, गाडि़यों के नहीं चलने से मरीजों की संख्या कम है। लेकिन इतनी संख्या में मरीजों के पहुंचने से भीड़ तो लग रही है। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग केवल ओपीडी के अंदर फॉलो हो रहा है। जहां बेवजह भीड़ लगाने पर रोक है। जबकि ओपीडी के बाहर ही मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है। जहां पर दूरी के नाम पर केवल आईवॉश किया जा रहा है, जिससे कि कोरोना के फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

सदर

हार्ट ऑफ द सिटी स्थित इस हॉस्पिटल में भी इलाज कराने वालों की काफी भीड़ है। बच्चों के अलावा महिलाएं ओर जेनरल ओपीडी में भी काफी संख्या में मरीज इलाज को पहुंच रहे हैं। केवल ओपीडी के दरवाजे पर ही सोशल डिस्टेंसिंग का दिखावा किया जा रहा है। बाकी वहां से दूर हटते ही सोशल डिस्टेंसिंग की हवा निकल जा रही है। टेस्ट कराने में भी लोग अपनी सेफ्टी का ख्याल नहीं रख रहे हैं।

Posted By: Inextlive