-सीआरपीएफ के एसआई ने फांसी के फंदे से लटक कर दी जान

-बटालियन से पश्चिम बंगाल भेजा गया एसआई का शव

-नहीं मिला कोई सुसाइड नोट

ALLAHABAD: ख्ख्ब् सीआरपीएफ बटालियन इलाहाबाद में तैनात एसआई रॉबिन राय ने थर्सडे को फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। सुसाइड के कारण की पुष्टि नहीं हो सकी है। मगर, पूर्व में सीआरपीएफ में हुई सुसाइड की घटनाओं को देखते हुए डिप्रेशन के चलते ऐसा कदम उठाने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, इस मामले में सीआरपीएफ की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के ऑर्डर दिए गए हैं।

एक महीने पहले हुआ था ट्रांसफर

सीआरपीएफ के एसआई रॉबिन राय ख्0 मई को श्रीनगर से ट्रांसफर होकर ख्ख्ब् बटालियन पडि़ला पहुंचे थे। फ्भ् वर्षीय राय मूल रूप पश्चिम बंगाल के कूंच बिहार जिले रहने वाले थे। ख्ख्ब् बटालियन में वे रेडियो ऑपरेटर के पद पर तैनात थे। बुधवार की रात में रॉबिन ने साथी जवानों व एसआई के साथ भोजन किया और फिर डॉरमेट्री रूम में सोने चले गए। डॉरमेट्री रूम में रॉबिन के अलावा पांच-छह जवान व एसआई मौजूद थे।

पता नहीं कब लगा ली फांसी

रात में सोने के बाद पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि प्रवीण ने डॉरमेट्री रूम से बाहर निकलकर फ‌र्स्ट फ्लोर और ग्राउंड फ्लोर के रेलिंग के बीच गमछे के सहारे फांसी के फंदे पर लटक कर अपनी जान दे दी। गुरुवार की भोर में चार बजे जब जवान उन्हें बुलाने के लिए पहुंचे तो रेलिंग के सहारे फंदे पर लटकती हुई लाश देखी जिसके बाद बटालियन में हड़कंप मच गया।

अंतिम बार पत्नी से की थी बात

सीआरपीएफ जवानों का कहना है कि बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे खाना-खाने से पहले रॉबिन ने अपनी पत्नी प्रतिमा से बात की थी। पत्नी से बातचीत के बाद वो आकर सो गया और रात में पता नहीं क्यों उसने ऐसा कदम उठाया। हालांकि, पारिवारिक कलह के साथ डिप्रेशन की बात भी सामने आ रही है। सीआरपीएफ अधिकारियों की सूचना पर पुलिस ने एसआई के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पीएम के बाद एसआई का शव नॉर्थईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन से सिलीगुड़ी स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर भेज दिया गया।

वर्जन-

एसआई रॉबिन राय ने सुसाइड क्यों किया, इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। बॉडी के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। ख्0 मई को ही श्रीनगर से ट्रांसफर होकर आए थे। एसआई की बॉडी नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस से पश्चिम बंगाल के कूच बिहार स्थित उनके घर के लिए भेज दी गई है।

उमेश बाबू मिश्रा

कमांडेंट, सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर

साइड स्टोरी :::::::::::::

डिप्रेशन और बीमारी पड़ रही भारी

दुश्मनों की गोली का सामना करते हुए देश की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों को दुश्मनों की गोली से ज्यादा डिप्रेशन, बीमारी और मलेरिया से खतरा है, जो उनकी जान ले रही है। ख्009 से ख्0क्ब् के बीच ख्ख्8 जवानों ने सुसाइड किया है।

पार्लियामेंट्री रिपोर्ट भी करती है तस्दीक

ख्0क्ब् में गठित पार्लियामेंट्री पैनल की रिपोर्ट में ये कहा गया है, दुश्मनों की गोली से ज्यादा घातक डिप्रेशन और बीमारी सीआरपीएफ जवानों की जान ले रही है। सीआरपीएफ जवान आतंकवादियों और देश के दुश्मनों से मुठभेड़ में जवान बच जा रहे हैं, लेकिन डिप्रेशन और बीमारी नहीं झेल पा रहे हैं। जिसकी वजह से हमलों से ज्यादा जवान सुसाइड और बीमारी के शिकार हुए हैं।

परिजनों से दूरी बढ़ा रही तनाव

सीआरपीएफ के ज्यादातर जवानों की ड्यूटी नक्सल एरिया में लगाई जाती है, जहां वे नक्सलियों से सामना करते हैं। उन्हें न छुट्टी मिलती है न ही कोई अतिरिक्त सुविधाएं जिसकी वजह से परिवार से दूर होने के कारण वे डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। सीआरपीएफ के अधिकारी भी ये मानते हैं कि फैमिली से काफी दिनों तक दूर रहने और तमाम परेशानियों को दूर न कर पाने की वजह से जवान डिप्रेशन में रहते हैं। यही डिप्रेशन उनकी जान ले लेता है जिसकी वजह से आक्रामक कदम उठाते हुए सुसाइड कर लेते हैं।

एक माह में तीसरी घटना

क्7 जून ख्0क्भ्

छत्तीसगढ़ रायपुर के पैरामिलेट्री कैम्प में क्म्8 बटालियन सीआरपीएफ के कांस्टेबल पवित्र यादव ने सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली। बरेली के रहने वाले यादव पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन में था।

क्0 जून ख्0क्भ्

रियासी डिस्ट्रिक्ट के कटरा बेल्ट में तैनात सीआरपीएफ के जवान मनोज कुमार ने प्वॉइजन खाकर सुसाइड कर लिया। हरियाणा का रहने वाला थ्ा मनोज।

आंकड़ों की नजर से

-ख्009 तक सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स ने कुल अपने कुल 978 जवानों को खोया।

-जिनमें से फ्ख्फ् सीआरपीएफ के जवान माओवादियों के हमले में या फिर मुकाबला करते हुए शहीद हुए।

-मुठभेड़ से ज्यादा जवानों की मौत हार्ट अटैक, सुसाइड और मलेरिया की वजह से हो रही है। म्ब्ख् जवानों की मौत तनाव और बीमारी की वजह से हुई।

Posted By: Inextlive