-कमिश्नर ने कैंट बोर्ड के अधिकारियों को तलब कर ली स्थिति की जानकारी, होगी सख्त कार्रवाई

-इमारत के ध्वस्त होते ही भाग खड़े हुए कैंट बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी

-चार मजिस्ट्रेट समेत कई थानों की पुलिस थी मौके पर तैनात, आरएएफ भी मौजूद

Meerut : कैंट बोर्ड के अधिकारियों की लापरवाही से एक बड़ी जनहानि हुई है। इस प्रकरण में जांच के आदेश दिए हैं तो वहीं डिफेंस भी अपने स्तर पर जांच करा रहा है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। शासन को स्थिति स्पष्ट कर दी गई है, पीडि़त परिजनों को मुआवजा दिलाया जाएगा। कमिश्नर आलोक सिन्हा ने आई नेक्स्ट को बताया कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों को बुलाकर स्थिति की जानकारी ली गई।

एसडीएम की जान पर बनी

जिस समय इमारत ध्वस्त हुई उस समय एसडीएम सदर रितु पुनिया मौके पर ही थी। भरभराकर गिरी इमारत का मलबा उन तक पहुंच गया। एसडीएम बाल-बाल बचीं तो सीओ कोतवाली रणविजय सिंह भी संभल नहीं पाए। बेहद लापरवाही से चलाए गए ध्वस्तीकरण अभियान में कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने रिहर्सल के बिना कड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया। मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासन अफसर चोटिल हुए तो भीड़ में भी कई लोगों को चोटें आई।

नहीं लगाई बेरीकेडिंग

ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान कैंट बोर्ड ने न ही बेरीकेडिंग लगाया और न ही रूट को डायवर्ट किया। अलसुबह इमारत को ध्वस्त करने की बात कमिश्नर के गले नहीं उतरी उन्होंने कैंट बोर्ड के सीईओ राजीव श्रीवास्तव को बुलाकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। कैंट बोर्ड की लापरवाही पर अफसर को कमिश्नर ने जमकर आड़े हाथों लिया।

भाग खड़ी हुई टीम

करीब 5:25 एएम पर इमारत को ध्वस्त करने के बाद नान वाले पंडित जी समेत पांच अन्य के दबे होने की पुष्टि होते ही सीईओ राजीव श्रीवास्तव, सीईई अनुज सिंह समेत कैंट बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी भाग खड़े हुए। हताहत की जानकारी होते ही पब्लिक भड़क गई, जिसका निशाना पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी बने। एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्र, एसएसपी जे। रविंद्र गौड़, सिटी मजिस्ट्रेट केशव कुमार, एसपी सिटी ओपी सिंह की पब्लिक से तीखी झड़प हुई। पथराव भी हुआ तो लोगों ने विरोध में जमकर गाली-गलौज भी किया।

क्यूआरटी ने किया दौरा

ध्वस्तीकरण अभियान के मद्देनजर सीईओ राजीव श्रीवास्तव की ओर से जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया। नियत तिथि पर ऑपरेशन से पूर्व रात्रि करीब 2:30 बजे पुलिस और क्यूआरटी की टीम ने इमारत का दौरा किया। सुरक्षा को लेकर मुतमईन होने के बाद टीम लौट गई तो वहीं प्रात: 4:30 बजे एसएसपी के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौजूद थे।

ये रहे मौजूद

प्रशासन

एडीएम प्रशासन-दिनेश चंद्र

सिटी मजिस्ट्रेट-केशव कुमार

एडीएम वित्त एवं राजस्व-गौरव वर्मा

एसडीएम सदर-रितु पुनिया

एसीएम प्रथम-राकेश सिंह

एसीएम द्वितीय-देवेंद्र सिंह

पुलिस

डीआईजी-लक्ष्मी सिंह

एसएसपी-जे। रविंद्र गौड़

एसपी सिटी-ओपी सिंह

एसपी देहात-डॉ। प्रवीण रंजन

सीओ कोतवाली-रणविजय सिंह

सीओ सिविल लाइन्स-बीएस वीरकुमार

सीओ ट्रैफिक-वंदना मिश्रा

-कई थानों के इंस्पेक्टर और पुलिस

-आरएएफ की एक कंपनी

सीएम ने ली जानकारी

घटनाक्रम की जानकारी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आलाधिकारियों से ली। कमिश्नर ने बताया कि शासन को घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी दे दी गई है। वहीं सीएम ऑफिस की ओर से लगातार अपडेट के निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजे की सिफारिश जिला प्रशासन की ओर से सीएम ऑफिस भेज दी गई है। पारिवारिक लाभ योजना घोषणा एडीएम प्रशासन ने की है।

जांच के आदेश

कमिश्नर आलोक सिन्हा ने पूरे घटनाक्रम की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। कमिश्नर के निर्देश पर एडीएम प्रशासन ने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच सौंपी है। 15 दिन में जांच रिपोर्ट देनी होगी। वहीं दूसरी ओर डिफेंस मिनिस्ट्री भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी कराएगी।

Posted By: Inextlive