Patna: एक वो नटवर लाल था जो वर्ष 1981 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से दिल्ली में उनके जनता दरबार में मिलने पहुंचा था. इंदिरा गांधी जब पास आईं तो नटवर ने कहा 'मैं नटवर लाल हूं. आपका दर्शन करने आया हूं.'


हजारों लोगों को करोड़ों का चूना लगाया है
इतना सुनकर इंदिरा गांधी मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गईं। फिर पीछे मुड़कर बोल पड़ी, 'तुम वही नटवर लाल हो, जो डॉ राजेन्द्र प्रसाद के गांव का हैअगर हां तो अपनी बुद्धि को समाज और देशहित में लगाओ'। उस वक्त भी नटवर लाल मद्रास जेल से फरार था  और इंदिरा गांधी के आवास तक पहुंच गया था। सीवान के रूइंया बंगरा, जीरादेई का रहने वाला मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ नटवर लाल तब एक ही था, पर अब तो ऐसे नटवर लालों की भीड़ लग चुकी है। हर दिन पकड़े जा रहे। उस नटवर लाल ने तो कहा था कि वह पैसे वालों को ही लूटता है, मगर आज के नटवर लाल तो गरीबों का पसीना ही नहीं खून भी चूस रहे हैं। गुरुवार को भी पुलिस ने एक ऐसे ही नटवर लाल विजेन्दू प्रकाश को दबोचा, जिसने कंपनी खोलकर हजारों लोगों को करोड़ों का चूना लगाया है।तलाश रही थी छह स्टेट की पुलिस


पुलिस ने विजेन्दू प्रकाश नाम के व्यक्ति को एसकेपुरी इलाके से अरेस्ट किया है। विजेन्दू को पुलिस ने करोड़ों के गबन के मामले में दबोचा है। उसने खुद को ईजी गेन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड एंड ईजी फाइनेंशियल सर्विसेज का मैनेजिंग डायरेक्टर कम चेयरमैन बताया। उसका सारा कारोबार कागज पर है। टर्न ओवर भी सिर्फ कागज पर ही है। पुलिस की मानें, तो उसका पूरा कारोबार ही फर्जी है। उसने अपनी कंपनी को सेबी से संबद्ध बताकर लोगों को खूब चूना लगाया है। यही नहीं, उसने मिनरल वाटर, पाउडर, चायपत्ती, माचिस के प्रॉडक्ट्स भी बाजार में उतारे, जिसे मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स से संबद्ध बताया था। यही नहीं, उसने ईजी मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, बीएड कॉलेज, इलेक्ट्रिॉनिक मीडिया में भी उतरने की घोषणा कर लोगों को फंसाया और करोड़ों रुपए ठगे। इसके अलावा उसने गांव में एटीएम लगाने के लिए भी लोगों से रुपए लिए थे। दो साल में पांच गुना करने का लालचविजेन्दू लोगों को गिफ्ट और उनके रुपए को दो साल में ही दोगुना, तीन गुना और पांच गुना करने का लालच देता था। उसके पास से पुलिस ने दो करोड़ बावन लाख रुपए का बांड्स और रसीद भी जब्त किया है। वह भागने की फिराक में था, तभी एसएसपी की स्पेशल टीम और एसकेपुरी थानाध्यक्ष संजय पाण्डेय की टीम ने उसे दबोच लिया। वह खुद लोगों से नहीं मिलता था, बल्कि पूरी डीलिंग उसके ब्रांच मैनेजर करते थे। बॉडीगार्ड और मंहगी गाडिय़ों का काफिला

विजेन्दू ने अपना रुतबा ऐसा बना रखा था कि कोई जल्दी उस पर शक नहीं करता। यहां तक कि उसके झांसे में भी लोग उसका हाव-भाव देखकर फंस जाते थे। वह बॉडीगार्ड से भी घिरा रहता था। जब भी चलता था, तो साथ में कई महंगी गाडिय़ों का काफिला रहता था। उसकी कंपनी का एक सेल्स एग्जीक्यूटिव अशरफ अली पहले से ही जेल में है। पुलिस उसके डीमेट अकाउंट और चार अन्य बैंक अकाउंट को खंगाल रही है। इसमें भी करोड़ों का खुलासा होने की संभावना है। सीनियर एसपी मनु महाराज ने बताया कि इसके बारे में ईओयू को भी भनक लगी थी। एक होटल में वह ज्यादा समय तक नहीं रहता है। पटना आने की इंफॉरमेशन मिली थी। कई जिलों के लोगों को इसने लोगों को ठगा था। पटना में भी अपना जाल फैलाना चाह रहा था। अभी इसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। चिट फंड की तरह यह लोगों से रूपये वसूल रहा था।Profile of Mr Natwarlalनाम - विजेन्दू प्रकाश, पिता - अर्धेंदु प्रसाद श्रीवास्तवघर - बिचला तेलपर, नगर थाना छपरा। वर्तमान पता- फ्लैट नम्बर 105, आनंद श्री अपार्टमेंट रवि चौक, पटेल नगर, शास्त्रीनगर पटनाकाम-मैनेजिंग डायरेक्टर, ईजी गेन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड एंड ईजी फाइनेंसियल सर्विसेज।
अवार्ड- भारत ज्योति रत्न क्र(दिल्लीक्र), इंदिरा गांधी शिरोमणी पुरस्कार (दिल्ली)Highlights-छह स्टेट दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बंगाल, तमिलनाडु, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश और बिहार की पुलिस कर रही थी तलाश। -बिहार के छपरा, आरा, सीवान, वैशाली, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर, पटना, गोपालगंज और मोतिहारी के लोगों को ठग चुका है।- प्रेस के आईडेंटिटी कार्ड का ले रखा था सहारा।- एसके पुरी थाने में एफआईआर, इसके अलावा छपरा टाऊन थाना, भेल्दी थाना, मुफ्फसिल थाना, भगवानपुर थाने में कई कांड दर्ज हैं।- उसके पास से लोगों के एक हजार पासबुक भी बरामद किए गए।

Posted By: Inextlive