ALLAHABAD: मंडे को भारद्वाजपुरम् बाघम्बरी अल्लापुर का तुलसीमंच हास्य कविताओं पर लोगों के ठहाके से गूजंता रहा। मौका था हास्य कवि सम्मेलन का। जिसमें अशोक बेशरम, लालजी देहाती जैसे हास्य कवियों की जुगल बंदी ने लोगों को हंसते-हंसते लोटने पर मजबूर कर दिया। कवियों ने भी अपनी रचनाओं में सामाजिक और राजनीतिक विसंगतियों पर जमकर कटाक्ष किया। जिस पर लोगों ने जमकर ठहाके लगाए। अशोक बेशरम के दोहे अजब फागुनी रंग, कितने चेहरे खप गए, किसके-किसके संग। अनुरागी बागी हुए अटके संत, महंत, इधर फंसे कलराज हैं, उधर फंसे जसवंत पर लोगों ने जमकर तालियां बजाई। कवि सम्मेलन में आयोजक अध्यक्ष फूलचन्द्र दुबे ने सभी कवियों का गुलाल लगाकर सारस्वत सम्मान किया।

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