ALLAHABAD: पंच पर्व और दिवाली महोत्सव का अंतिम पर्व भैया दूज शनिवार को जिले में धूम-धाम से मनाया गया। मान्यता के अनुसार बड़ी संख्या में लोग यमुना घाट पर अपने परिवार के साथ पहुंचे और स्नान किया। इसके बाद बहनों ने पूरे विधि विधान के साथ पूजा की और भाईयों को रोली एवं अक्षत से तिलक कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए आशीष दिया। इस मौके पर भाइयों ने भी बहनों को गिफ्ट के साथ उन्हें त्योहार की शुभकामनाएं दीं।

यमुना स्नान का है विशेष महत्व

शास्त्रों के अनुसार इस पर्व पर यमुना नदी में स्नान का विशेष महत्व है। इसके पीछे एक किंवदती है कि यम देवता ने अपनी बहन यमी (यमुना) को इसी दिन दर्शन दिया था, जो बहुत समय से उससे मिलने के लिए परेशान थी। अपने घर में भाई यम के आगमन पर यमुना ने प्रफुल्लित मन से उनकी आवभगत की। इस पर यम ने प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि इस दिन यदि भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान किया तो उन्हें मुक्ति मिल जाएगी। मान्यता है कि इस दिन बहनें अपने भाइयों को अपने हाथ से भोजन बनाकर खिलाती है तो उनकी उम्र बढ़ती है और उसके जीवन के कष्ट दूर होते हैं। यमुना घाट बलुआघाट पर कार्तिक कृष्ण पक्ष की द्बितीया भया दूज पर मेले का आयोजन हुआ और शाम को बड़ी संख्या में लोगों ने दीपदान किया।

शिद्दत से पूरे किए गए टोटके

भैया दूज के साथ एक टोटका भी इलाहाबाद में प्रचलित है। इसके मुताबिक बहनें अपनी जबान पर भकटइयां का कांटा मारती हैं ताकि उनकी जबान पर भाई के लिए कभी कोई बुरी बात न निकले। इसके बाद वे लोहे पर जमीन से मारती हैं ताकि कोई भी उनके भाई को कोई नुकसान न पहुंचा सके।

अव्यवस्थाओं के बीच लोगों ने किया घाट पर स्नान

शहर के प्रमुख यमुनाघाट बलुआघाट पर कार्तिक मास भर पूरे एक मास मेले जैसा माहौल होता है। किन्तु कार्तिक मास के प्रमुख पर्वों पर यहां हजारों की संख्या में लोग यमुना स्नान और दीपदान के लिए आते है। शनिवार को भया दूज होने के कारण घाट पर बड़ी संख्या पर लोग अपने परिवार के साथ स्नान करने पहुंचे। लेकिन घाटों पर व्यवस्था न होने के कारण लोगों को अव्यवस्था के बीच स्नान करना पड़ा।

Posted By: Inextlive