-एनसीआर मुख्यालय में आयोजित हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

ALLAHABAD: साहित्य एवं संस्कृति के माध्यम से रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों में राजभाषा के प्रयोग के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए एनसीआर मुख्यालय में गुरुवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। अध्यक्षता जीएम एनसीआर अरुण सक्सेना ने की।

विसंगतियों पर किया हमला

कवि सम्मेलन के प्रारंभ में आगरा से आए सुशील सरित ने सरस्वती वंदना -सागर की हर लहर से आवाज आ रही है, हर सुर में आत्मा बन तू झिलमिला रही है प्रस्तुत की। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक गौरव कृष्ण बंसल ने विसंगतियों पर हमला करते हुए अपनी रचना प्रस्तुत की। कानपुर से आए हास्य और व्यंग्य के कवि कमलेश द्विवेदी और आगरा के हरीश अग्रवाल ने देश और दुनिया की समस्याओं और जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं का बड़े ही व्यंग्यात्मक एवं मार्मिक ढंग से चित्रण किया।

ध्यान से कान लगाओ सखे

वाहिद अली वाहिद ने लोगों को झकझोरते वाली कविता ध्यान से कान लगाओ सखे, इस देश की पुकार यही है सुनाया। आतंकवाद पर हमला करते हुए कहाआज हमारा दीन धर्म शर्मिदा है, पेशावर की गलियों में शैतान मिला कवि और गजलकार भाल चंद्र त्रिपाठी ने गजल, लाख दुख दे फिर भी जब अपना माना ही है कुछ न कुछ करके बहाना दिल को समझाना ही है सुनाया।

Posted By: Inextlive