- बरेली में 6 हजार व्यापारियों के पास ही स्वाइप मशीन

BAREILLY:

नोटबंदी के आज पूरे एक वर्ष हो गए, लेकिन इसके मकसद डिजिटलाइजेशन को महज 20 फीसदी बरेलियंस ही अपना सके हैं। 80 फीसदी लोग आज भी नकद भुगतान कर रहे हैं। हालांकि, कॉरपोरेट सेक्टर में पीएम मोदी के इस सपने को पंख लगे हैं। यहां पर मैक्सिमम लोग डिजिटल पेमेंट पर भरोसा जता रहे हैं।

 

नकद भुगतान पर विश्वास

जिन शॉप पर पीओएस लगे हुए हैं वहां पर भी कस्टमर नकद भुगतान करना ही उचित समझ रहे हैं। क्योंकि, पुअर नेट कनेक्टिविटी और सिस्टम में गड़बडि़यों के चलते लोग डिजिटल पेमेंट करने से बच रहे हैं। दुकानदारों की मानें तो 80 परसेंट कस्टमर नकद भुगतान कर रहे हैं। वहीं बैंक्स में भी नोटबंदी के बाद कैश लेन-देन 25 फीसदी तक कम हुआ हैं। क्योंकि, क्योंकि, एक बार में 25 हजार से अधिक या एक महीने में 3 बार कैश जमा करने पर बैंक कुछ परसेंट चार्ज काट रहे हैं। जिस वजह से व्यापारियों ने बैंक में कैश जमा करना कम कर दिया है। नोटबंदी के इफेक्ट से व्यापारी अभी तक उबर नहीं सके हैं।

 

6 हजार के पास ही पीओएस

ब्लैकमनी को मार्केट से बाहर करने और डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर को अचानक 1000 और 500 के नोट को बंद करने का फैसला लिया था। 52 दिनों तक देश की जनता ने लाइन लगकर में बैंक से नोट एक्सचेंज किया था। एटीएम के साथ ही बैंक भी कंगाल हो गए थे। हाथों में कैश की किल्लत होने के बाद लोगों का रूझान डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ा, लेकिन डिजिटलाइजेशन की गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकी। आलम यह है कि 1.50 लाख व्यापारियों में से मात्र 6 हजार व्यापारियों के यहां ही प्वॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) लगे हुए हैं।

 

 

- 150 करोड़ रुपए बरेली के लोग हर वर्ष जमा करते हैं टैक्स।

- 60 हजार लोग हैं टैक्सपेयी।

- 70 परसेंट डिजिटल पेमेंट व 30 परसेंट नकद भुगतान कारपोरेट सेक्टर में होता है।

- 80 परसेंट नकद पर 20 परसेंट डिजिटल पेमेंट सामान व्यापार में हो रहा है।

- 1.50 लाख व्यापारियों में से मात्र 6 हजार के पास स्वाइप मशीन।

- 15 परसेंट डिजिटल बैंकिंग में हुई बढ़ोतरी।

 

 

डिजिटल बैंकिंग 15 परसेंट बढ़ा हैं, लेकिन बैंक में आने वाला कैश नोटबंदी के बाद कम हुआ है।

सुनील कुमार वढेरा, डीजीएम, एसबीआई

 

नोटबंदी से पहले बैंक में कैश अधिक जमा होते थे। अब कैश डिपॉजिट उतना नहीं हो रहा है।

संजीव मेहरोत्रा, बैंकर

 

कॉरपोरेट सेक्टर में नोटबंदी के पहले से ही मैक्सिमम लोग क्रेडिट व डेबिट कार्ड से ही पेमेंट करते हैं।

पुनीत सक्सेना, ओनर, होटल आनंद ओबराय

 

80 फीसदी लोग नकद ही भुगतान कर रहे हैं। बरेली में 6 हजार व्यापारियों के पास ही पीओएस लगे हुए हैं।

राजेश जसोरिया, प्रेसीडेंट, युवा यूपी उद्योग व्यापार मंडल

 

डिजिटल पेमेंट में प्रॉब्लम्स आ रही है। कई बार तो एक-एक महीने पेमेंट फंसा रह जाता है। पहले इंफ्रॉस्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत हैं।

नरेंद्र गुप्ता, सीएमडी, सेलेक्शन प्वॉइंट

 

व्यापार पर निगेटिव इफेक्ट पड़ा है। व्यापार में हर वर्ष 25-30 फीसदी जो ग्रोथ होता है, वह नोटबंदी के कारण नहीं हो सका।

राहुल खंडेलवाल, ओनर, किप्स

 

नोटबंदी से आंशिक सफलता मिली है। हालांकि, टैक्स जमा करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। बरेली में 60 हजार लोग टैक्सपेयी हैं।

सीए अखिल रस्तोगी, पूर्व प्रेसीडेंट आईसीएआई

 

मेरे पास कार्ड था फिर भी मैंने नकद भुगतान किया। नकद भुगतान में किसी प्रकार की समस्या नहीं रहती है।

आदर्श सक्सेना, आंवला

 

नोटबंदी से शुरुआती दिनों में तो दिक्कत हुई, लेकिन बाद में कोई समस्या नहीं रही। ब्लैकमनी रोकने के लिए यह जरूरी था।

बबिता गुप्ता, डेलापीर

 

नोटबंदी से कोई खास फायदा नहीं हुआ। बल्कि मार्केट पर इफेक्ट पड़ा है। अभी तक व्यापारी नोटबंदी की मार से उबर नहीं पाए हैं।

संदीप मेहरा, व्यापारी

Posted By: Inextlive