साइबर अटैक से सरकारी मशीनरियों और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी

एसटीएफ ने सरकारी महकमों को पत्र लिख कर दी बचाव की हिदायत

DEHRADUN: साइबर अटैक के बढ़ते खतरे को देखते हुए उत्तराखंड एसटीएफ अलर्ट हो गई है। एसटीएफ ने प्रदेश को साइबर हमले से बचाने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके तहत पुलिस मुख्यालय के जरिए सभी जिलों को कंप्यूटर व इंटरनेट प्रयोग करते समय क्या करें और क्या न करें की लिस्ट भेजते हुए इस पर तत्काल अमल करने की हिदायत दी गई है।

संचार क्रांति के बाद हाल के वर्षो में पुलिस से लेकर तमाम सरकारी महकमों में कंप्यूटर पर ही अधिकांश कार्य हो रहे हैं। ऐसे में बीते क्फ् मई को विभिन्न देशों में हुए साइबर हमले से उत्तराखंड की सरकारी मशीनरी और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ना भी लाजिमी है। फिलहाल अभी तक उत्तराखंड में रैनसमवेयर नाम से साइबर अटैक के कोई प्रमाण तो नहीं मिले हैं, लेकिन जिस तरह से साइबर हमले का दायरा बढ़ता जा रहा है उससे आने वाले दिनों में सूबे के हमले की जद में आने की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। एसएसपी एसटीएफ पी रेणुका देवी ने बताया कि हमने राज्य में इस हमले को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सरकारी महकमों को पत्र लिखकर बताया गया है कि यदि उनके कंप्यूटर पर 'उप्स, योर फाइल्स हैव बीन इनक्रिप्टेड' कर मैसेज डिस्पले हो तो समझ जाएं कि उनका सिस्टम साइबर अटैक का शिकार हो चुका है। यह मैसेज आने पर तत्काल पुलिस के साइबर सेल या एसटीएफ को सूचना दें, ताकि हमले को आगे बढ़ने से रोका जा सके।

हमले से बचने के लिए क्या करें

-सरकारी कंप्यूटर पर एनआईसी या जीओवी या विभागीय डोमेन की मेल का प्रयोग करें।

-एंटीवायरस अपडेट करते रहें, ईमेल अकांउट को प्रयोग के बाद लॉग आउट कर दें।

-डाक्यूमेंट या फाइल को डाउनलोड करने से पहले स्कैन कर लें।

-सिस्टम का रिमोट डेस्कटॉप कनेक्शन हमेशा डिसेबल मोड में रखें।

क्या न करें

-गोपनीय डाटा जिस कंप्यूटर में संरक्षित हो, उसे इंटरनेट से कनेक्ट न करें।

-सरकारी कंप्यूटर पर मूवी, सांग डाउनलोड न करें।

-पासवर्ड परिवर्तित करते समय कभी पुराना पासवर्ड उपयोग न करें।

-स्मार्ट फोन को संवेदनशील डाटा वाले कंप्यूटर से कनेक्ट न करें।

-ईमेल से अवांछनीय लिंक मिलने पर क्लिक न करें।

-ट्रू-कॉलर को मोबाइल या कंप्यूटर में डाउनलोड न करें।

Posted By: Inextlive