साइबर क्राइम:

-लोन के नाम पर वसूली करने वाले तीन ठगों को गिरफ्तार किया

-रिजर्व बैंक कानपुर के जीएम की शिकायत पर डीजीपी के आदेश पर हुई कार्रवाई

-साइबर सेल की टीम ने तीन लैपटॉप, प्रिंटर, एटीएम कार्ड और फर्जी दस्तावेज बरामद किए

Meerut : साइबर सेल ने फर्जी वेबसाइट बनाकर लोन देने के नाम पर कई राज्यों से करोड़ों की ठगी करने वाले तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया। ये लोग धोखाधड़ी कर बैंकों में खोले गए फर्जी खातों में रुपये डलवाते थे। भारतीय रिजर्व बैंक के प्रबंधक की शिकायत पर डीजीपी की ओर से दिए आदेश पर पुलिस ने यह कार्रवाई की।

फर्जी वेबसाइट से कर रहे थे 'खेल'

बुधवार को रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डीसी दूबे ने बताया कि इंटरनेट पर एडिशन कॉर्पोरेशन फाइनेंस डॉट काम के नाम से वेबसाइट बनाकर पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, पेयर स्लिप लोन, एलटीआर लोन, व्हीकल लोन, प्रॉपर्टी लोन और एग्रीकल्चर लोन के नाम पर गुमराह किया जाता था। ये ठग विभिन्न राज्यों के लोगों से धोखाधड़ी कर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। वेबसाइट के गैर वित्तीय होने पर भारतीय रिजर्व बैंक के सहायक प्रबंधक ने डीजीपी जगमोहन यादव से शिकायत की थी। इस पर डीजीपी ने ठगों को पकड़ने के लिए कहा था।

साइबर सेल को सौंपा केस

एसएसपी ने कहा कि उन्होंने सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराकर साइबर सेल के प्रभारी कर्मवीर को लगाया। टीम ने सुनील कांपलेक्स की दूसरी मंजिल पर छापा मारकर अभियुक्त रिहान अख्तर उर्फ समीर उर्फ आकाश शिंदे, निवासी पुरानी तहसील कोतवाली, अब्दुल बारी उर्फ दीपक कुमार निवासी बागपत गेट, सैय्यद बिलाल उर्फ समी मलिक निवासी खैर नगर देहलीगेट को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी ने बताया कि रिहान एडिशन कॉर्पोरेशन फाइनेंस के डायरेक्टर पद पर रखा गया। उसी ने अपने साथी अब्दुल से मिलकर वेबसाइट बनाकर ठगी के पूरे धंधे को अंजाम दिया। आकाश शिंदे की फर्जी वोटर आइडी, पेन कार्ड लगाए गए। उससे पहले बनाई गई जान्हवी फाइनेंस की वेबसाइट को बंद कर दिया।

रैकेट में शामिल की लंबी सूची

सभी कंपनी के सिम की आपूर्ति बिलाल ही करता था। बाद में तीनों ने मिलकर एपेक्स टेली सॉल्यूशन नाम से एक और कंपनी रजिस्टर्ड कराया। फाइनेंस कंपनी का पंजीकरण टीएन एंड एसोसिएट के अधिवक्ता नावेद अंसारी ने फर्जी नाम-पते से किया। इन्हीं वेबसाइट पर युवाओं को लोन देने का दावा किया जाता था। कप्तान ने बताया कि झांसे में आकर हजारों छात्रों से करोड़ों की रकम वसूली जा चुकी है। ठगों ने आवेदन स्वीकार करने के लिए चार हजार रुपये प्रतिमाह पर अजीत निवासी रोहटा और छह लड़कियों को टेली कांलिंग के लिए लगा रखा था।

एमबीए करने के बाद कर रहे थे ठगी

रिहान अख्तर उर्फ समीर उर्फ आकाश शिंदे पुत्र अख्तर नवाज उर्फ गोपाल शिंदे निवासी पुरानी तहसील कोतवाली ने राधा गोविंद से एमबीए किया हुआ है, जो पिछले दो साल से काम कर रहा है। अब्दुल बारी उर्फ दीपक कुमार पुत्र जसीमुद्दीन उर्फ रमेश कुमार निवासी शिव चौक बागपत गेट मेरठ, फैज-ए-आम कॉलेज में इंटरमीडिएट का छात्र है। दस माह से काम कर रहा है। सैयद बिलाल उर्फ समी मलिक पुत्र सैयद शाकिर उर्फ सारिक निवासी खैर नगर देहलीगेट नोएडा से एमबीए कर चुका है। दो साल से काम कर रहा है।

ये हुई बरामदगी

तीन लैपटॉप, एक प्रिंटर, एडिशन, एपेक्स, जाहनवी, फाइनेंस की 21 मोहरे। हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, उडीसा, राजस्थान, महाराष्ट्र, एमपी, गुजरात, छत्तीसगढ़ और यूपी के कोरे स्टाफ, छह मोबाइल फोन, 18 एटीएम कार्ड, दो शॉपिंग कार्ड, 6 पेनकार्ड, 5 वोटर आइडी कार्ड, 2 आधार कार्ड। फाइनेंस कंपनियों के भरे 312 फार्म, फर्जी कागजात, 6 एनटीटी के प्रोस्पेक्टस, 8 मार्कशीट, 7 प्रमाण पत्र, प्रॉपर्टी लोन के 1750 फार्म भरे हुए छह खाली, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली की एनओसी 2 प्रमाण-पत्र बरामद किए।

Posted By: Inextlive