अब साइबर थाना जाइए जनाब
- प्रभारी और स्टाफ तैनात, शुरू कराई गई ट्रेनिंग
- साइबर क्राइम के मामलों का निस्तारण होगा आसान GORAKHPUR: जिले में साइबर क्राइम के शिकार पीडि़तों को हर थाने का चक्कर नहीं लगाना पड़ा। एप्लीकेशन लेकर उनको पुलिस अधिकारियों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे। एक छत के नीचे उनकी शिकायत सुनकर समाधान का प्रयास होगा। जिले का साइबर थाना बनकर तैयार हो गया है। प्रभारी सहित अन्य पुलिस कर्मचारियों की तैनाती करके एसएसपी ने ट्रेनिंग शुरू करा दी है। ट्रेनिंग पूरी होते ही साइबर थाने की औपचारिक शुरूआत हो जाएगी। एसएसपी का कहना है कि इससे साइबर क्राइम के मामलों की रोकथाम और पीडि़तों को जल्द न्याय दिलाने में मदद मिलेगी। हालांकि शुरूआत में गोरखपुर के अलावा रेंज के अन्य जिलों महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर की शिकायतों का प्रेशर भी रहेगा। बाद में वहां भी थाना बनाने की तैयारी है।हर साल पांच गुना बढ़े मामले
जिले में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़े हैं। पब्लिक को झांसा देकर उनके एकाउंट से रुपए निकालने का मामला हो या फिर सोशल मीडिया के जरिए फ्रॉड की शिकायत, हर घटना में पुलिस को जांच का दायरा बढ़ाना पड़ा है। जिले में साइबर थाना न होने से क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ही शिकायतों की जांच करती थी। लेकिन छोटी टीम होने से मामलों के निस्तारण में विलंब हो जाता है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पांच साल के भीतर साइबर क्राइम की घटनाओं में पांच गुना बढ़ोत्तरी हुई है। इसलिए थाना बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। पुलिस लाइन के पास साइबर थाना का भवन बनकर तैयार हो गया है। यहां पर प्रभारी सहित आठ लोगों की तैनाती कर दी गई है। जबकि क्राइम ब्रांच के साइबर सेल में पहले से एक एसआई, तीन एक्सपर्ट कांस्टेबल काम कर रहे हैं। नए थाने में पुलिस कर्मचारियों की ट्रेनिंग भी शुरू करा दी गई। ट्रेनिंग पूरी होते ही थाना की औपचारिक शुरूआत कर दी जाएगी।
इन मामलों की होगी जांच-पड़ताल ई-कॉमर्स फेक ट्विटर हैंडिल ऑनलाइन लॉटरी वेबसाइट डिफेसमेंट डेटा थेफ्ट रैंसमवेयर, बिटक्वायन, डार्क वे साइबर आतंकवाद थानों पर बने साइबर सेल, नहीं हुए सफलसाइबर थाना के अभाव में जिले में साइबर क्राइम के मामलों के निस्तारण के लिए थानों पर साइबर सेल बनाए गए थे। कैंट, गुलरिहा, खोराबार, शाहपुर, चिलुआताल, कोतवाली, गोरखनाथ, गोला, पिपराइच, बड़हलगंज थानों पर साइबर सेल का गठन करके एसआई, एचसीपी और कांस्टेबल की तैनाती की गई थी। साइबर क्राइम के मामलों की शिकायत पर थानों पर जांच की जाती थी। लेकिन बाद में धीरे-धीरे थानों की टीम सुस्त हो गई। ज्यादातर मामले क्राइम ब्रांच की साइबर सेल में पहुंचने लगे। लॉकडाउन में क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने ऑनलाइन फ्रॉड के कई मामलों का निस्तारण किया।
पांच साल में बढ़ा साइबर अपराध वर्ष दर्ज हुए केस 2020 66 मई माह तक 2019 288 2018 215 2017 188 2016 104 2015 045 पब्लिक को मिलेगा फायदा - साइबर क्राइम के मामले में मुकदमे के लिए चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।- साइबर थाना पर एफआईआर दर्ज करके मामलों की छानबीन शुरू हो जाएगी।
- शिकायतकर्ता का समय बचेगा, उसे बेवजह लोकल थाना से अफसरों तक चक्कर नहीं लगाना होगा। - तत्काल शिकायत मिलने पर होने वाली जांच में पीडि़त के रुपए वापस लौटने में मदद मिलेगी। - एक छत के नीचे एक्सपर्ट्स के मौजूद होने से जांच में क्रिमिनल्स के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई होगी। वर्जन साइबर थाना की बिल्डिंग बन गई है। पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है। सभी की ट्रेनिंग कराई जा रही है। जल्द ही थाना में कामकाज शुरू हो जाएगा। साइबर थाना खुल जाने से पब्लिक की शिकायतों के निस्तारण में तेजी आएगी। - डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी