साइबर क्राइम के लिए एमएमएमयूटी में बनाएं जाएंगे साइबर सेफ्टी सिक्योरिटी लैब
-एमएमएमयूटी में साइबर सेफ्टी पर रिसर्च के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन लगाएगा सिक्योरिटी लैब
GORAKHPUR: मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में साइबर सेफ्टी पर रिसर्च जनवरी 2020 से शुरू होगा। स्टूडेंट्स के रिसर्च के लिए साइबर सिक्योरिटी लैब का निर्माण अंतिम चरण में है। यहां दो सुपर कंप्यूटर भी लगाए जाएंगे। इसमें से त्रिवेंद्रम से एक की खरीद हो चुकी है। वहीं, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी रिसर्च पर जोर देने के लिए कवायद शुरू कर दी है। जनवरी से शुरू होगा साइबर लैबएमएमएमयूटी का अगला सत्र जनवरी से शुरू होगा। इसी के साथ लैब में रिसर्च भी शुरू हो जाएगी। भविष्य में यहां पुलिस से जुड़े साइबर अपराधों का विश्लेषण भी होगा। इसके शुरू होने से साइबर क्राइम से संबंधित मामलों की जांच पुणे की बजाय गोरखपुर में की जा सकेगी। वीसी प्रो। श्रीनिवास सिंह ने बताया कि एमएमएमयूटी पहले से ही नेशनल साइबर सेफ्टी सिक्योरिटी स्टैंडर्ड का सदस्य है। एमएमएमयूटी ने साइबर सुरक्षा सेंटर स्थापित करने को पुणे स्थित साइबर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी सेंटर व आस्ट्रेलिया की एक संस्था से समझौता किया है। साइबर सिक्योरिटी लैब को लेकर इंस्टॉलेशन का भी काम हो चुका है। सुपर कंप्यूटर आने के बाद इसे शुरू किया जाएगा। हाई परफॉर्मेस वाले सुपर कंप्यूटिंग सिस्टम से शोधार्थियों को आसानी होगी। इसके लिए दो सुपर कंप्यूटर की डिमांड की गई थी, लेकिन अभी एक ही मिल पाया है। एक सुपर कंप्यूटर की लागत करीब 35 लाख रुपए है।
सिक्योरिटी पर होंगे नए रिसर्च लैब में पहले स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। साइबर क्राइम से जुड़ी जानकारियां दी जाएगी। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन साइबर सिक्योरिटी पर आधारित नए रिसर्च किए जाएंगे। इसके बाद साइबर क्राइम के मामलों की जांच की जाएगी। स्थानीय पुलिस से संपर्क कर केस लिए जाएंगे। इससे फायदा यह होगा कि बड़े साइबर क्राइम के मामलों की जांच बाहर न भेजकर यहीं से हो जाएगी। वर्जन साइबर सिक्योरिटी लैब में जनवरी से शुरू होने वाले सत्र से रिसर्च शुरू हो जाएंगे। दो सुपर कंप्यूटर लगाए जाएंगे। अभी एक ही मिला है। इस लैब से साइबर क्राइम के मामलों में नए रिसर्च होंगे और साइबर क्त्राइम में पुलिस की भी मदद होगी। प्रो। श्रीनिवास सिंह, वीसी, एमएमएमयूटी