साइकिल ट्रैक कहीं बना पार्किंग तो कहीं कपड़ा व गेहूं सुखा रहे लोग

ट्रैक समाप्त करने का आदेश जारी कर सकती है योगी सरकार

ALLAHABAD: शहर में बने साइकिल ट्रैक पर साइकिल अब तक नहीं चली। कहीं इसका उपयोग पार्किंग के तौर पर हो रहा है तो कहीं ये कपड़ा और गेहूं सुखाने के काम आ रहा है। अब प्रदेश में निजाम बदलने के बाद कभी भी इसे खत्म करने का आदेश जारी हो सकता है। बुधवार को योगी सरकार ने इसके निर्माण पर सवाल भी उठाया। शहर में लाजपतराय रोड और थार्नहिल रोड पर बने साइकिल ट्रैक का जायजा लेने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम पहुंची।

साइकिल ट्रैक या बाईक स्टैंड

धोबीघाट चौराहे से लोकसेवा आयोग चौराहे की तरफ पेट्रोल पम्प से थोड़ा आगे बने साइकिल ट्रैक पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बाईकेंखड़ी नजर आई। जागृति हॉस्पिटल के सामने तो बाकायदा चारपाई बिछाकर गेहूं सुखाया जा रहा था। ठीक उसके बगल में ठेला आराम फरमा रहा था। लोकसेवा आयोग चौराहे पर पॉवर स्टेशन के बाहर तो लग ही नहीं रहा था कि यहां कभी साइकिल ट्रैक भी था। ट्रैक का डिवाइडर टूटा हुआ है और बाईकें खड़ी मिलीं। हाथी पार्क के पास टै्रक पर पशु पालक मवेशी ले जाता दिखा। रिपोर्टर को कैमरा निकालते देख उसने मवेशियों को बाहर निकाल लिया। धोबीघाट चौराहे से बालसन चौराहे तक साइकिल ट्रैक पर एक भी साइकिल नहीं दिखाई दी।

रोड पर ही चलाते हैं साइकिल

कंपनी गार्डेन के सामने से आगे बढ़ने पर कई लोग साइकिल ट्रैक की जगह रोड पर ही साइकिल चलाते हुए जाते नजर आए। लाजपतराय रोड शहर का सबसे पहला मॉडल रोड था। इस पर साइकिल ट्रैक बनाए जाने के दौरान काफी सवाल उठे थे। मोहल्ले के लोगों ने साइकिल ट्रैक को पार्किंग स्थल बना लिया है। बुधवार को भी कमिश्नर ऑफिस से दूरदर्शन चौराहा व उसके आगे साइकिल ट्रैक पर जगह-जगह बाइकें दिखीं।

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ट्रैक पर कपड़ा हमने पकड़ा

दूरदर्शन चौराहे से थोड़ा आगे साइकिल ट्रैक पर कपड़ों का ढेर दिखाई पड़ा। पास जाकर देखा गया तो पता चला कि इस टै्रक को धोबीघाट बना लिया गया है। साइकिल टै्रक के बगल में ही कुछ परिवार रहते हैं, जो कपड़ों को धोने के बाद उन्हें सूखाने के लिए साइकिल टै्रक पर ही फैला देते हैं। एटीट्यूट बेस्ड समस्याओं की वजह से ट्रैक की सार्थकता यहां नगण्य साबित हो चुकी हैं। एमजी रोड पर भी साइकिल टै्रक बनवाने का प्रस्ताव जगह की कमी से पूरा नहीं हो सका।

Posted By: Inextlive