चक्रवात यास बुधवार की सुबह 9 बजे से ओड़िशा के धमरा तथा बालसोर से टकरा गया। ओड़िशा के स्पेशल रिलीफ कमीश्नर पीएम जेना ने कहा कि इस भीषण चक्रवाती तूफान के यहां से गुजरने में अगले तीन से चार घंटे तक का वक्त लग सकता है। तूफान के असर से पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में भी तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। तूफान को ध्यान में रखते हुए रेल तथा हवाई यातायात पहले ही रोक दिए गए थे।


नई दिल्ली (एएनआई)। मीडिया से बात करते हुए स्पेशल रिलीफ कमीश्नर जेना ने कहा कि समुद्र तट से टकराने के बाद चक्रवात के दोपहर 1 बजे तक जमीन से पूरी तरह गुजरने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि चक्रवात के तट से टकराने की प्रक्रिया सुबह तकरीबन 9 बजे से शुरू हुई थी। अगले 3-4 घंटे यानी दोपहर 1 बजे तक तक यह प्रक्रिया चलने की उम्मीद है। चक्रवाती तूफान धमरा तथा बालसोर तट से होकर गुजर रहा है।आगे बढ़ने के साथ तूफान की रफ्तार में आएगी कमीजेना ने कहा कि इस भीषण चक्रवाती तूफान की रफ्तार करीब 120-140 किमी प्रति घंटा है। बालसोर तक हवाओं की यही गति बरकरार रहेगी। इसके बाद मयूरभंज जिले तक पहुंचते-पहुंचते तूफान की रफ्तार घट कर 100-110 किमी प्रति घंटा रह जाएगी। जेना ने कहा कि जैसे-जैसे तूफान आगे बढ़ेगा इसकी रफ्तार धीरे-धीरे लगातार कम होती जाएगी।
आईएमडी ने तूफान के तट से टकराने की पुष्टि की


भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चक्रवाती तूफान यास के तट से टकराने की पुष्टि की है। आईएमडी के मुताबिक, तूफान के तट से टकराने की प्रक्रिया बुधवार की सुबह 8:30 से 9 बजे के बीच शुरू हुई थी। ओड़िशा, पश्चिम बंगाल तथा झारखंड के लोगों की बुधवार की सुबह तेज हवाएं तथा भारी बारिश से हुई। भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।रेल तथा हवाई यातायात को किया गया रदएहतियात के तौर पर कोलकाता एयरपोर्ट से संचालन सुबह 8.30 बजे से शाम 7.45 बजे तक के लिए रोक दिया है। अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता एयरपोर्ट से या वहां तक के लिए सभी उड़ानें रद कर दी गई हैं। रेलवे ने भी 38 लंबी दूरी वाली ट्रेनों को रद कर दिया है। दक्षिण तथा कोलकाता से होकर जाने वाली सवारी गाड़ी को 24 से 29 मई तक के लिए चक्रवात के मद्देनजर रद कर दिया गया है।बिजली गिरने से दो लोगों की मौत तथा 80 घर तबाहभीषण चक्रवाती तूफान यास के कहर से होने वाली दुर्घटना को देखते हुए मंगलवार को 11.5 लाख लोगों को पश्चिम बंगाल के संभावित इलाकों से बचाया गया। हुगली तथा उत्तरी 24 परगना जिलों में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई तथा कम से कम 80 घरों को नुकसान पहुंचा है। ये नुकसान यहां मंगलवार से हो रही तेज हवाओं तथा भारी बारिश की वजह से हुई है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य में राहत एवं बचाव कार्य में 74,000 कर्मियों को लगाया गया है। बचाए गए लोगों को 8,000 फ्लड शेल्टर, स्कूल तथा काॅलेजों में ठहराया गया है। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में ही राहत एवं बचाव कार्य की प्लानिंग में रात बिताया। वे वहां चक्रवात के असर की समीक्षा कर रही थीं।ओड़िशा के मुख्यमंत्री ने दिया तालमेल तथा निगरानी पर जोरओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी मुख्य सचिव तथा स्पेशल रिलीफ कमीश्नर (एसआरसी) के साथ बैठक की। यह बैठक वर्चुअल के जरिए की गई जो स्टेट कंट्रोल रूम तथा साइक्लोन डैशबोर्ड से जुड़ा था। पटनायक ने बचाव एवं राहत कार्य के लिए आपस में तालमेल बिठाने तथा उसकी लगातार निगरानी पर जोर दिया।सेना का विशेष दस्ता राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैनातरक्षा मंत्रालय ने ने सेना की 17 इंटीग्रेटेड साइक्लोन रिलीफ काॅलम की तैनाती की है। इसमें विशेष कर्मी संबंधित उपकरण तथा बोट के साथ काम के लिए शामिल हैं। सेना का यह विशेष दस्ता राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh