-मंडी समिति में सोशल डिस्टेंस मैनेटेन कराना बड़ी चुनौती

-फू्रट्स व विजिटेबल्स के परचेजिंग के लिए डेली उमड़ रही है भीड़

बरेली: कोराना के खतरे से भले ही बरेली अभी तक बचा हुआ है, पर सिटी के सब्जि मंडियों पर हर दिन उमड़े वाली मास गैदरिंग से इस खतरे की आशंका भी बनी हुई है। यहां कोराना से बचने के लिए सबसे जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग पर जीने की मजबूरी भारी पड़ रही है। लॉकडाउन को फॉलो कराना यहां एडमिनिस्टेशन के लिए भी बड़ी चुनौती बना हुआ है।

कोराना महामारी से बचने के लिए 23 मार्च से ही देशभर में लॉकडाउन लगा है। इसका मुख्य उद्देश्य सोशल डिस्टेंस मैनटेन करने के लिए लोगों को घरों तक सीमित करना है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने भी लोगों से हाथ जोड़ कर अपील की थी। उनकी इस अपील को भले ही देशवासियों ने हाथोंहाथ लिया हो, पर जीने के लिए रोजमर्रा की जरूरत की चीजों को हासिल करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। इन चीजों को हासिल करने के लिए ही बरेलियंस को भी जाने-अंजाने लॉकडाउन का उल्लंघन करना पड़ रहा है। सिटी में सब्जी मंडियां, किराने की दुकानें और मेडिकल स्टोर पर हर रोज ऐसी स्थिति सामने आ रही है।

डेलापीर सब्जी का नजारा डरावना

कोराना स्प्रेड मैन-टू-मैन होता है। इसलिए इस वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। इसके बाद भी डेलापीर सब्जी मंडी में हर दिन जिस कदर भीड़ उमड़ रही है, वह बरेलियंस के लिए किसी चिंता से कम नहीं है। लोगों की जरूरत के साथ ही मंडी के कारोबारियों व किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने मंडी में सुबह 6 से 8 बजे तक दो घंटे ही कारोबार की परमिशन दी है। यह परमिशन भी उन्हीं फुटकर सब्जी विक्रेताओं के लिए है जो मंडी से सब्जी खरीदकर शहर के अलग.अलग हिस्सों में बेचते हैं। इसको फॉलो कराने के लिए मंडी में पुलिस भी तैनात की गई है। इसके बाद भी यहां सुबह 5 बजे से ही आम बरेलियंस सब्जी खरीदने को पहुंच रहे हैं। इससे मंडी में भारी भीड़ जुट जाती है। पुलिस व प्रशासन भी इस भीड़ को रोकने में नाकाम हो रहा है। फ्राइडे को भी डेलापीर सब्जी मंडी के भीतर व बाहर सुबह 9 बजे बाद तक भी भारी भीड़ जमी रही।

मजिस्ट्रेट ने पुलिस से खाली कराई मंडी

डेलापीर सब्जी मंडी में निर्धारित समय बाद भी भीड़ जुटी होने की जानकारी पर डीएम की ओर से नियुक्त मजिस्ट्रेट पुलिस के साथ यहां पहुंच गए। उन्होंने मंडी के थोक कारोबारियों के साथ ही खरीदारों को भी फटकार लगाई। मजिस्ट्रेट की अगुवाई में ही पुलिस ने मंडी से भीड़ को खदेड़ा। पुलिस की डर से यहां के छोटे-बड़े कारोबारियों ने आनन-फानन में अपना कारोबार समेट लिया। मजिस्ट्रेट ने कारोबारियों को सख्त हिदायत दी कि वह थोक में ही सब्जी व फल बेचें। फुटकर में बेचने पर कार्रवाई झेलनी पड़ेगी।

मंडी कारोबारियों को घाटे में डुबो रहा है कोराना

कोराना से बचने के लिए किए गए इंतजाम मंडी के कारोबारियों पर भारी पड़ रहे हैं। यहां कोराबारियों को रह रोज लाखों का घाटा उठाना पड़ रहा है। मंडी में केरल, कर्नाटका, गुजरात, महाराष्ट्रा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, जम्मू आदि राज्यों से हर रोज सब्जी व फल लेकर ट्रक आते हैं। इस बार लॉकडाउन के चलते पहले तो ट्रक रास्ते में ही लेट हो गए, फिर मंडी में इनको अनलोड करने में भी देरी हो गई। इससे ट्रकों में लदी सब्जियां व फल सड़ गए। केरल से मंगाए गए कटहल पूरी तरह सड़ चुके हैं। इसी तरह संतरा, पपीता, अंगूर भी सड़ रहे हैं।

नवरात्र ने बढ़ाया घाटा

कोराना के चलते हर बार कारोबार पूरी तरह चौपट हो गया है। हर दिन एक से डेढ़ लाख तक का घाटा उठाना पड़ रहा है। इससे बाहर से जो ट्रक पहुंचे हैं, उनका भाड़ा तक अपने पास से देना पड़ रहा है। ऐसे स्थिति में उनके सामने बड़ा संकट है।

ताहिर हुसैन

नवरात्र पर फलों की डिमांड आम समय से दोगुनी हो जाती है। इस पर्व के लिए हर बार आढ़ती एक महीना पहले ही फलों के आर्डर बुक करा देते हैं। आर्डर पर अदर स्टेट से ट्रक लोड होकर यहां पहुंच गए, पर अब कोराना कफ्र्यू के चलते कारोबार ही ठप हो गया है। उन्होंने कर्नाटका से पपीते की गाड़ी मगाई थी, जिसमें दो लाख का घाटा उठाना पड़ा है।

नवरात्र के लिए महाराष्ट्रा से अंगूर का ट्रक मंगाया था, पर लॉकडाउन के चलते पहले तो ट्रक ही समय पर नहीं पहुंचा, फिर यहां अनलोड होने में लेट हो गया। इससे अंगूर ट्रक में ही सड़ने लगा। इससे उन्हें दो लाख से अधिक का नुकसान हो चुका है। मजबूरी में उन्हें 850 रुपया प्रति पेटी का अंगूर 450 रुपए में बेचना पड़ा।

निजाम अली

Posted By: Inextlive