Happy New Year Aaj ka Panchang 1 January 2022 : नए साल पर जानें राहुकाल व दिशाशूल की स्थिति, गायत्री मंत्र का जाप करने बनेंगे बिगड़े काम
डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Happy New Year Aaj ka Panchang 1 January 2022 : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। शनिवार 1 जनवरी चतुर्दशी तिथि 02:36:00 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं। शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं। आज के दिन क्या करें और क्या न करें
आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें। इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।
01 जनवरी 2022 दिन- शनिवार का पंचागसूर्योदयः- प्रातः 06:46:00सूर्यास्तः- सायः 05:14:00विशेषः- शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943आयनः- दक्षिणायनऋतुः- शिशिर ऋतुमासः- पौष माहपक्षः- कृष्ण पक्षतिथिः- चतुर्दशी तिथि 02:36:00 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथितिथि स्वामीः- चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं।नक्षत्रः- ज्येष्ठा 19:17:54 तक तदोपरान्त मूलनक्षत्र स्वामीः- ज्येष्ठा के स्वामी बुध जी हैं तथा मूल नक्षत्र के स्वामी केतु जी हैं।योगः- गंड 13:53:47 तक तदोपरान्त वृद्धिगुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 07:13:00 से 08:31:00 तकदिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें।राहुकालः- राहुकाल 09:49:00 से 11:06:00 तकतिथि का महत्वः- इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है।“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्ट बनाये रखना।”