Daily Panchang in Hindi 10 April 2021: तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। शनिवार 10 अप्रैल 2021 के दैनिक पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्‍त जानकारी यहां दी गई है।


डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 10 April 2021 शनिवार को चतुर्दशी तिथि 30:04:00 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं। शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं। इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है। आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

10 अप्रैल 2021 दिन- शनिवार का पंचाग


सूर्योदयः- प्रातः 05:43:08सूर्यास्तः- सायः 06:10:00विशेषः- शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।विक्रम संवतः- 2077शक संवतः- 1942आयनः- दक्षिणायनऋतुः- बसंत ऋतुमासः- चैत्र माहपक्षः- कृष्ण पक्षतिथिः- चतुर्दशी तिथि 30:04:00 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि

तिथि स्वामीः- चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं।नक्षत्रः- उत्तरा भाद्रपद 08:00:36तक तदोपरान्त रेवतीनक्षत्र स्वामीः- उत्तरा भाद्रपद के स्वामी शनि जी हैं तथा रेवती नक्षत्र के स्वामी बुध जी हैं।योगः- ब्रह्मा 13:33:00 तक तदोपरान्त इंद्रगुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 06:01:00 से 07:37:00 तकदिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें।राहुकालः- राहुकाल 09:12:00 से 10:47:00 तकतिथि का महत्वः- इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है।“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्ट बनाये रखना।”

Posted By: Shweta Mishra