Dainik Panchang 13 October 2021: तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। बुधवार 13 अक्टूबर 2021 के दैनिक पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्‍त जानकारी यहां दी गई है।

डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 13 October 2021: हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। बुधवार 13 अक्टूबर 2021को अष्टमी तिथि 20:08:07 तक तदोपरान्त नवमी तिथि है। अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तदोपरान्त नवमी तिथि की स्वामिनि दुर्गा जी हैं। बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

आज के दिन क्या करें और क्या न करें
बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें। इस तिथि में नारियल नहीं खाना चाहिए तथा यह तिथि आभूषण, रत्न खरीदने और धारण करने के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

13 अक्टूबर 2021 दिन - बुधवार का पंचांग
सूर्योदयः- प्रातः 06:14:00
सूर्यास्तः- सायं 05:46:00
विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शरद ऋतु
मासः- अश्विन माह
पक्षः- शुक्ल पक्ष
तिथिः- अष्टमी तिथि 20:08:07 तक तदोपरान्त नवमी तिथि
तिथि स्वामीः- अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तदोपरान्त नवमी तिथि की स्वामिनि दुर्गा जी हैं।
नक्षत्रः- पूर्वा आषाढ़ा 10:19:35 तक तदोपरान्त उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- पूर्वा आषाढ़ा के स्वामी बुध देव हैं तथा उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं।
योगः- सुकर्म 06:08:42 तक तदोपरान्त
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 10:40:00 से 12:07:00 तक
दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें।
राहुकालः- आज का राहुकाल 12:07:00 से 01:34:00 तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में नारियल नहीं खाना चाहिए तथा यह तिथि आभूषण, रत्न खरीदने और धारण करने के लिए शुभ है।
“हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

Posted By: Shweta Mishra