Dainik Panchang 16 November 2021 : तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। रविवार 14 नवंबर के दैनिक पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्‍त जानकारी यहां दी गई है।

डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 16 November 2021 : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। मंगलवार 16 नवंबर, को द्वादशी तिथि 09:13:00 बजे तक तदोपरान्त त्रयोदशी तिथि है। द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं तथा त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं। मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है। इनकी पूजा करने पर जीवन से डर, संकट आदि सब दूर हो जाते हैं।

आज के दिन क्या करें और क्या न करें
आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जायें। द्वादशी तिथि में मसूर नहीं खाना चाहिए यह तिथि यात्रा को छोड़कर सभी धार्मिक कार्यों के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

16 नवम्बर 2020 दिन- मंगलवार का पंचांग
सूर्योदयः- प्रातः 06:37:00
सूर्यास्तः- सायं 05:23:00
विशेषः- मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- हेमन्त ऋतु
मासः- कार्तिक माह
पक्षः- शुक्ल पक्ष
तिथिः- द्वादशी तिथि 09:13:00 बजे तक तदोपरान्त त्रयोदशी तिथि
तिथि स्वामीः- द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं तथा त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं।
नक्षत्रः- रेवती नक्षत्र 20:15:07 तक तदोपरान्त अश्विनिनक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- रेवती नक्षत्र के स्वामी बुध देव हैं तदोपरान्त अश्विनि नक्षत्र के स्वामी केतु देव हैं।
योगः- सिद्धि 25:45:39 तक तदोपरान्त व्यतिपात
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 12:05:00 से 01:26:00 तक
दिशाशूलः- आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जायें।
राहुकालः- आज का राहु काल 04:24:00 से 05:49:00 तक
तिथि का महत्वः- द्वादशी तिथि में मसूर नहीं खाना चाहिए यह तिथि यात्रा को छोड़कर सभी धार्मिक कार्यों के लिए शुभ है।
“हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

Posted By: Shweta Mishra