Dainik Panchang 31 October 2021: तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। रविवार 31 अक्टूबर के दैनिक पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्‍त जानकारी यहां दी गई है।


डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 31 October 2021: हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। रविवार 31 अक्टूबर, दशमी तिथि समाप्ति 14:28:00 तक तदोपरान्त एकादशी तिथि है। दशमी तिथि की स्वामी यमराज जी हैं तथा एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं। रविवार को भगवान सूर्य को प्रातः ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़ और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए।आज के दिन क्या करें और क्या न करेंरविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें। इस तिथि में परवल / कलम्बी नही खाना चाहिए व अन्नप्रासन, विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ मानी गयी है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

31 अक्टूबर 2021 दिन- रविवार का पंचागसूर्योदयः- प्रातः 06:27:00


सूर्यास्तः- सायं 05:33:00विशेषः- रविवार को भगवान सूर्य को प्रातः ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़ और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए।विक्रम संवतः- 2078शक संवतः- 1943आयनः- दक्षिणायनऋतुः- हेमन्त ऋतुमासः- कार्तिक माहपक्षः- कृष्ण पक्षतिथिः- दशमी तिथि समाप्ति 14:28:00 तक तदोपरान्त एकादशी तिथि

तिथि स्वामीः- दशमी तिथि की स्वामी यमराज जी हैं तथा एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं।नक्षत्रः- माघ 13:16:00 तक तदोपरान्त पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रनक्षत्र स्वामीः- माघ नक्षत्र के स्वामी केतु देव हैं तथा पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं।योगः- ब्रह्मा 23:20:09 तक तदोपरान्त इन्द्रगुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 02:50:00 से 04:14:00 बजे तकदिशाशूलः- रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें।राहुकालः- आज का राहुकाल 04:14:00 से 05:37:00 बजे तकतिथि का महत्वः- इस तिथि में परवल / कलम्बी नही खाना चाहिए व अन्नप्रासन, विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ मानी गयी है।“हे तिथि स्वामी, नक्षत्र स्वामी, योग स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें।”

Posted By: Shweta Mishra