Dainik Panchang 5 October 2021: तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। मंगलवार 5 अक्टूबर 2021 के दैनिक पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्‍त जानकारी यहां दी गई है।

डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 5 October 2021: हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। मंगलवार 5 अक्टूबर 2021को चतुर्दशी तिथि 19:05:36 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं। मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।

आज के दिन क्या करें और क्या न करें
मंगलवार को आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जायें। इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है। इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक कार्य करना वर्जित है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

05 अक्टूबर 2021 दिन- मंगलवार का पंचाग
सूर्योदयः- प्रातः 05:47:00
सूर्यास्तः- सायः 06:13:00
विशेषः- मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शरद ऋतु
मासः- अश्विन माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- चतुर्दशी तिथि 19:05:36 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि
तिथि स्वामीः- चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं।
नक्षत्रः- उत्तरा फाल्गुनी 25:11:01 तक तदोपरान्त हस्त
नक्षत्र स्वामीः- उत्तरा फाल्गुनी के स्वामी सूर्य जी हैं तथा हस्त नक्षत्र के स्वामी चन्द्र जी हैं।
योगः- शुक्ल 11:33:00 तक तदोपरान्त ब्रह्मा
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 12:09:00 से 01:37:00 तक
दिशाशूलः- आज के दिन उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जायें।
राहुकालः- राहुकाल 03:06:00 से 04:34:00 तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्ट बनाये रखना।”

Posted By: Shweta Mishra