कभी सेवा का क्षेत्र कहा जाने वाला डॉक्टरी पेशा भी अब कमाऊ प्रोफेशन बन गया है। धरती पर भगवान की हैसियत रखने वाले डॉक्टर्स अब सेवा भाव से ज्यादा कमाने में लगे हैं। मगर बनारस में एक ऐसे चिकित्सक हैं जिन्होंने इस धारणा को बदल कर रख दिया है। वह गरीब असहाय की सेवा और निर्बल को बल देने का काम पिछले 20 वर्षों से करते चले आ रहे हैं। अपने कर्म को ही धर्म मानने वाले शहर में फेमस जमुना सेवा सदन हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर के निदेशक डाॅ. अश्विनी कुमार टंडन आज के समय में गरीब असहाय और लाचार की सेवा नि :स्वार्थ भाव से कर रहे हैं। शायद यही वजह है कि उन्होंने अपने हॉस्पिटल का नाम भी जमुना सेवा सदन हॉस्पिटल रखा है। शिवपुर गैस गोदाम एजेंसी के पास 25 बेड से शुरू हुआ जमुना सेवा सदन हॉस्पिटल आज 100 बेड का हो चुका है।


मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे डॉ एके टंडन का शुरुआती दौर बहुत ही कष्टकारी बीता। बचपन में ही गरीबी से भलीभांति परिचित डाॅ. एके टंडन की सोच थी चिकित्सक बनकर गरीब मरीजों की सेवा करना। वकील व कर सलाहकार रहे पिता केएन टंडन की प्रेरणा और मेहनत से सन 1992 में एमडी की डिग्री पूरी की। इसके बाद चिकित्सकीय पेशे में आए डाॅ. एके टंडन ने 1977 में जमुना सेवा सदन एंड रिसर्च सेंटर की नींव इस सोच के साथ रखी कि शिवपुर सहित आसपास एरिया के गरीब, असहायों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा सके। सोच को साकार होने में समय नहीं लगा और धीरे-धीरे अस्पताल गरीब, बीमार, असहायों का मंदिर बन गया। तब से आज तक हर मंगलवार से चली आ रही फ्री ओपीडी में लगभग दो लाख से अधिक मरीज लाभांवित हो चुके हैं।विदेशों में भी मिली पहचान


हर सफल व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। डाॅ. टंडन के जीवन में भी ऐसे ही उतार चढ़ाव आए। लेकिन मुसीबतों में धैर्य और अच्छी स्थिति में तटस्थ बने रहने की कला ने इनके रास्ते को आसान बनाया। डाॅ. एके टंडन ने जमुना सेवा सदन एंड रिसर्च सेंटर के जरिए गंभीर से गंभीर बीमारियों पर रिसर्च की बल्कि उससे निजात दिलाने की दिशा में कदम भी बढ़ाए। बीमारियों पर पकड़ की दिशा में गहन अध्ययन को लेकर कई आर्टिकल भी डाॅ. टंडन के प्रसिद्ध हैं। कालाजार जैसी घातक बीमारियों पर पकड़ और नीति निर्माताओं की मदद के लिए डाॅ. टंडन ट्रेनिंग के लिए विदेश भी जा चुके हैं। वह अमेरिकी डायबिटीज एसोसिएशन, कार्डियोलोजी के अमेरिकी कांग्रेस के रूप में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा सोसायटी के मेंबर हैं।पुरस्कार इतने की घर छोटा पड़ जाएसमाजसेवा की दिशा में ऐसा कोई काम बचा नहीं होगा, जिसे डाॅ. एके टंडन ने पूरा न किया हो। चाहे वह रक्तदान हो, गरीब बच्चों की शिक्षा- चिकित्सा, बाढ़ पीडि़तों की मदद से लेकर अनगिनत अन्य ऐसे पुनीत कार्यों के लिए विभिन्न मंचों से डाॅ. एके टंडन को पुरस्कृत किया गया है। पुरस्कार इतने मिले हैं कि एक घर भी छोटा पड़ जाए। बेहद मृदुभाषी और मिलनसार शख्सियत के धनी डाॅ. एके टंडन के व्यवहार से ही मरीजों का आधा मर्ज दूर हो जाता है। सुबह-शाम मरीजों का कुशलक्षेम जानना और वार्ड की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने वाले डाॅ. एके टंडन की सफलता में मजबूती के साथ खड़ी रहने वाली उनकी धर्मपत्नी फेमस गायनकोलॉजिस्ट डाॅ. स्मिता टंडन भी पति के कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।

हर तीन माह पर लगाते हैं फ्री कैंपजमुना सेवा सदन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में रोगी के उपचार के लिए नि :शुल्क नियमित शिविर, शल्य चिकित्सा और मेडिकल का आयोजन होता है। अस्थमा, मधुमेह, हृदय रोग, ईएनटी, स्त्री रोग विकारों की स्क्रीनिंग व इलाज के लिए हर तीन माह पर शिविर आयोजित किए जाते हैं। कॉस्मेटिक, मोतियाबिंद, विभिन्न विकलांग सहित अन्य रोगों के रोगियों की इलाज के लिए फ्री शुल्क शल्य चिकित्सा शिविर हर तीन माह पर आयोजित होता है। डाॅ. एके टंडन का हॉस्पिटल एनजीओ-जमुना सेवा संस्था के साथ जुड़ा हुआ है और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों जैसे लायंस इंटरनेशनल क्लब, रोटरी इंटरनेशनल क्लब, भारत विकास परिषद, एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया, झालेल्या, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ जुड़े हुए हैं। जमुना सेवा संस्था के उपाध्यक्ष भी डॉ. टंडन हैं।डॉ. एके टंडनराजीव गांधी चिकित्सा सेवा के लिए शिरोमणि अवार्ड 2008 में।काशी रत्न 2006 में।खत्री जाति रत्न 2008 में।यूपी सरकार की ओर से चिकित्सा रत्न सम्मान।जिला-321ई के सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष, बेस्ट जोनल चेयरपर्सन।काशी गौरव रत्न एवार्ड 2009 में।लायंस क्लब की बेस्ट रीजनल चेयरपर्सन अंतरराष्ट्रीय अवार्ड।चिकित्सा रत्न 2013 के लिए भारतीय उपलब्धियां पुरस्कार।

स्वास्थ्य और शिक्षा चिकित्सा मंत्री आशुतोष टंडन व राज्य मंत्री सिद्धार्थनाथ द्वारा 2017 में चिकित्सा और स्वास्थ्य के लिए भारतीय समाज के 28वें राष्ट्रीय कांफ्रेंस में सम्मानित किया गया।चिकित्सा क्षेत्र में अहम योगदान करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार द्वारा मेडिकल आइकॉनअवार्ड 2017नौ सितंबर 2018 चेन्नई में डब्लूएचओ, रोटरी क्लब ऑफ डायमंड के अध्यक्ष और अगस्त 2018 में रोटरी क्लब इंटरनेशनल वाराणसी गंगा के हीरो के लिए रोटरी क्लब इंटरनेशनल द्वारा सम्मानित किया गया।प्रोफाइलनाम : डॉ. एके टंडनपद : निदेशक, जमुना सेवा सदन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, शिवपुर। वाइस प्रेसीडेंट, जमुना सेवा संस्थान।शिक्षा : 1983 में बीएचयू आईएमएस को ज्वाइन किया। 1992 में एमडी की डिग्री पूरी की।DAINIK JAGRAN I NEXT CONNECT MARKETING INITIATIVE

Posted By: Shweta Mishra