RANCHI: दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से हेहल आईटीआई बस स्टैंड के पीछे स्थित होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल में आइआइटी सीजन 7 का टेस्ट लिया गया। इस टेस्ट में क्लास 5 से 10 के बच्चों ने पार्टिसिपेट किया। यह टेस्ट स्टूडेंटस का इंटेलीजेंस परखने के लिए लिया गया था, जिसमें सभी बच्चों का उत्साह देखते बन रहा था। टेस्ट में टोटल 100 क्वेश्चंस के जवाब देने थे। इसमें 40 क्वेश्चंस मल्टीपल इंटेलीजेंस के थे जबकि 60 क्वेश्चंस जेनरल नॉलेज पर आधारित थे। इसके लिए बच्चों को एक घंटा 20 मिनट का समय दिया गया। स्टूडेंट्स ने बताया कि टेस्ट में मल्टीपल क्वेश्चंस थोड़े इजी थे, जेनरल नॉलेज ने थोड़ा परेशान किया, लेकिन सभी क्वेश्चंस के आंसर हमने दिए। टेस्ट के सफल आयोजन में एडमिनिस्ट्रेटर कंचन दयाल एवं टीचर श्याम किशोर मेहता की अहम भूमिका रही।

स्टूडेंट्स थे एक्साइटेड

टेस्ट में शामिल होने के लिए स्कूल के बच्चों में काफी एक्साइटमेंट था। टेस्ट से संबंधित सभी आवश्यक सामान लेकर निर्धारित समय पर बच्चे अपने निर्धारित स्थान पर बैठ गए। ओएमआर शीट मिलते ही उन्होंने फटाफट सबकुछ भर लिया। इसके बाद क्वेश्चंस पेपर डिस्ट्रिब्यूट होते ही सभी ने लगन से एग्जाम दिया और समय पर आंशर शीट वापस कर दिया। इस दौरान स्कूल के टीचर भी लगातार बच्चों के डाउट्स को क्लियर करते रहे।

क्या कहा स्टूडेंट्स ने

टेस्ट में शामिल होकर अच्छा लगा। क्वेश्चंस इंट्रेस्टिंग थे, एमआई पार्ट के क्वेश्चंस आराम से सॉल्व हो गए, जेनरल नॉलेज में थोड़ी परेशानी हुई।

---आर्यन पांडा

एग्जाम में कई चीजें सीखने को मिलीं। पहले तो क्वेश्चंस समझने में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन फिर सब आसान हो गया। दिए गए समय में सभी क्वेश्चंस के आंशर दे दिए।

--- अमित कुमार

टेस्ट में शामिल होकर अच्छा फील कर रहा हूं। बीच-बीच में ऐसे टेस्ट जरूरी हैं। इससे हमलोगों का जेनरल अवेयरनेस स्ट्रांग होता है।

--- यश पांडे

सभी क्वेश्चंस इंट्रेस्टिंग थे। मैथ में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन अंग्रेजी में आसान क्वेश्चंस थे। दूसरे सब्जेक्ट के भी क्वेश्चंस ठीक-ठाक थे।

----सुस्मिता बारला

सिलेबस से हटकर इस तरह के क्वेश्चंस को साल्व करना भी हम स्टूडेंट के लिए अच्छा होता है। खुद की कैपाबिलिटी भी मालूम पड़ती है।

---रीतिका कुमार

प्रिंसिपल

स्टूडेंट लाइफ में ऐसे टेस्ट भी जरूरी है। स्टूडेंट्स को टेक्स्ट बुक से बाहर की चीजों को जानने-समझने का मौका मिलता है। बच्चों को ऐसे टेस्ट से कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए, बल्कि बढ़-चढ़ कर इसमें हिस्सा लेना चाहिए और अपनी इंटेलीजेंस भी प्रूव करनी चाहिए।

--- आरती दयाल, प्रिंसिपल, होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल

Posted By: Inextlive