क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: इलेक्शन का टाइम आ गया है. ऐसे में हमारे नेता पब्लिक को बड़े-बड़े सपने दिखा रहे हैं. अगर उनकी सरकार आई तो रोजगार देंगे, शहर का विकास करेंगे. महिलाओं की सुरक्षा से लेकर बिजनेस में राहत तक. ऐसे ही बड़े-बड़े सपनों से नेता लोगों को लुभाने में लगे हैं. लेकिन इस बार उसी की सरकार बनेगी जो केवल सपने ना दिखाएं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी काम करें. तभी हमारे देश से बेरोजगारी खत्म होगी. वहीं हर तबके के लोगों का विकास संभव हो पाएगा. जिस दिन हमारे देश से जात-पात, धर्म की बातें खत्म हो गईं, उसी दिन हमारा देश तरक्की करने लगेगा. कुछ ऐसी ही बातें श्री बालाजी कॉम्प्लेक्स में आयोजित दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के राजनी-टी में मिलेनियल्स ने कहीं.

.....

मिलेनियल्स स्पीक

नेता केवल चुनाव के समय घोषणाएं कर देते हैं. लेकिन इस बार हम पीछे नहीं हटने वाले हैं. वोट देंगे और जरूर देंगे. उसी को अपना प्रतिनिधि चुनेंगे जो यूथ को नौकरी देने में अहम भूमिका निभाएगा.

सुनिल बैठा

विकास का मतलब केवल बात करना नहीं होता, जो जमीनी स्तर पर विकास का काम करने की बात करे उसे ही हम सपोर्ट करेंगे. इसके बाद ही हमारा देश और शहर तरक्की करेगा. इसके लिए हमें भी अपनी सोच बदलनी होगी.

अमित

सरकार जो भी दावे कर ले लेकिन आज तक जमीन पर वह विकास नजर नहीं आया जिस की बातें की गईं. अब तो काम करने वाले को ही वोट मिलेगा, क्योंकि हम जान चुके हैं. इसलिए इस बार सब काम छोड़कर वोट करने जरूर जाएंगे.

बबलू घोष

बड़े-बड़े वादे तो सभी करते हैं. लेकिन किसी ने भी पब्लिक के लिए मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा नहीं उठाया. आज पब्लिक को बिजली, पानी, भोजन जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी भटकना पड़ता है. इसलिए इस बार उसी की सरकार जो सपने नहीं दिखाए.

गुड्डू

करप्शन खत्म करने की बात सुनते आ रहे हैं. लेकिन आज भी हर जगह करप्शन का बोलबाला है. जो करप्शन को जड़ से मिटाने की बात करेगा उसी की सरकार बनेगी ताकि लोगों को करप्शन फ्री माहौल मिल सके.

रवि राय

जात-पात, धर्म को लेकर चुनावी मुद्दा बनाया जाता है. लेकिन कोई भी विकास के मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है. यह तभी संभव है जब हम घरों से निकलकर बूथ पर वोट डालने जाएंगे. तभी सपने दिखाने वाले इन नेताओं से हमें छुटकारा मिल सकेगा.

विष्णु

मेरे लिए तो पहला मौका है, जब मैं वोट डालूंगा. लेकिन मेरा सपोर्ट भी उसी को होगा जो हमारे जैसे यूथ को रोजगार दिलाए. इसके साथ ही देश और शहर के विकास में खुद भी मेहनत करें ताकि आने वाला भविष्य हम लोगों के लिए सुरक्षित हो.

संदीप एक्का

.......

मेरी बात

विकास का मुद्दा केवल कागजों पर ही है. सरकार ऐसी हो जो पब्लिक के लिए काम करें. हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलना होगा. चाहे वह डेवलपमेंट की बात हो, रोजगार की, या फिर बिजनेसमैन को राहत देने की. इसलिए इस बार हकीकत में काम करने वाले को ही चुनेंगे.

विकास कुमार जायसवाल

.......

कड़क मुद्दा

रोजगार के अभाव में यूथ भटक रहे है. सरकारी नौकरी हर किसी के बस की बात नहीं. ऐसे में प्राइवेट जॉब की ओर यूवा भाग रहे है. लेकिन वहां भी उनकी नौकरी सेफ नहीं है. अगर सरकार इसके लिए काम करें तो युवाओं को कहीं भी काम करने में परेशानी नहीं होगी.

नीरज सिंह

सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ

पब्लिक की जरूरत मूलभूत सुविधाएं होती हैं. लेकिन देश की बड़ी आबादी पानी और बिजली के लिए तरस रही है. आज स्थिति यह है कि राजधानी में भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. केवल सपने दिखाने से कुछ नहीं होता. उसे जमीन पर भी उतारना पड़ता है. लेकिन सरकार ने जमीनी स्तर पर काम करने के बजाय केवल सपने दिखाए.

Posted By: Prabhat Gopal Jha