-महानगर के कई इलाके में खस्ताहाल हैं भवन

GORAKHPUR: शहर के करीब 117 भवन इतने जर्जर हैं कि कभी भी इस बारिश में ढह सकते हैं। इससे आसपास के लोग हर पल हादसे की आशंका और मौत के खौफ में जी रहे हैं। फिर भी न इसकी परवाह जिम्मेदारों को है और न इमारत के रखवालों को। जिले में जर्जर होते प्राइवेट भवनों को लेकर प्रशासन बेखबर है। बरसात शुरू हो चुकी है और ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। हाल में बारिश में कई मकानों की दीवारें तक गिर चुकी है। इन सबके बावजूद अफसरों का इस ओर ध्यान नहीं है। जबकि, नगर निगम के सर्वे में सिटी के विभिन्न इलाकों में 117 भवन ऐसे हैं, जो पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं और कभी भी यह भवन बड़े हादसे को दावत दे सकते हैं।

खतरे में इलाके कई भवन

नगर निगम के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो बरसात से पहले नगर निगम हर साल सीमा में बने पुराने भवनों का सर्वे कराता है। निगम निर्माण विभाग द्वारा गत वर्ष कराए गए सर्वे में करीब 117 भवन ऐसे हैं, जिनके मालिकों को बकायदा नोटिस जारी कर भवन की हालत सुधारने और खाली करने को कहा है। इसके बावजूद स्थिति जस की तस हैं। इन जर्जर भवानों में आज भी परिवार रह रहे हैं।

दफ्तर की आलमारी में बंद है आवेदन

महानगर के कई इलाकों में सौ साल से अधिक पुराने भवनों की भरमार है। इसमें सबसे ज्यादा भवन जर्जर हैं। कई भवन मालिकों को भवन को तोड़कर नया भवन बनाने के लिए निगम के निर्माण विभाग से अनुमति मांगी है। लेकिन निगम अभी तक इन भवनों के निर्माण की अनुमति नहीं दे पा रहा है। पुराने भवनों की हालत यह है कि इनकी दीवारे एक-दूसरे के साथ टिकी हैं। इसके चलते एक भवन को तोड़ने की वजह से दूसरा भवन गिरने का खतरा है।

तिवारीपुर और माधोपुर में ज्यादा जर्जर भवन

नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक, शहर में सबसे ज्यादा तिवारीपुर और माधोपुर इलाके में जर्जर भवन चिह्नित किए गए हैं। पुराना इलाका होने की वजह से भवन की दीवारें और छत के प्लास्टर टूट चुके हैं और सरिया बाहर से दिखाई पड़ रहा है। रेलिंग भी टूट कर नीचे गिर चुके हैं। बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है।

फैक्ट फाइल

नगर निगम निर्माण विभाग द्वारा चिह्नित जर्जर भवन--117

जर्जर भवन पूरी कर चुके है अपनी उम्र--100 साल

नगर निगम के इलाके में वार्ड की संख्या--70

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55 अलहदादपुर 03

32 माधोपुर 40

58 तिवारीपुर 25

68 गोरखनाथ 02

38 दिलेजाकरपुर 01

नोट- अन्य वार्डो में भी एक-दो जर्जर भवन हैं, जिनके मालिकों ने आवेदन ि1कया है।

वर्जन

ऐसे भवनों के लिए नगर निगम निर्माण विभाग बरसात से पहले जर्जर भवनों का सर्वे कराता है और उन्हें नोटिस जारी कर उन्हें मरम्मत कार्य के लिए अनुमति दी जाती है।

सुरेश चंद, चीफ इंजीनियर, नगर निगम

वार्ड नं मोहल्ला जर्जर भवन की संख्या

39 धर्मशाला बाजार 01

40 दीवान बाजार 03

51 इस्माइलपुर 02

53 काजीपुर 01

35 बसंतपुर 01

64 चक्सा हुसैन 08

11 हुमायूंपुर 01

59 हासुपुर 01

67 काली बाड़ी मंदिर 01

18 जंगल तुलसी राम 02

04 मानवेला 04

09 बशारतपुर 01

06 चरगांवा 01

54 भेडि़यागढ़ 03

31 असुरन 02

48 सूर्यकुंड 03

33 रसूलपुर 01

Posted By: Inextlive