सुरक्षा के साथ मददगार बनी पुलिस
मौनी अमावस्या के दिन अपनों से दूर हुए लोगों को दारागंज पुलिस ने अपनों तक पहुंचाया
स्नान व भारी भीड़ के दौरान बिछड़े दर्जन भर से अधिक लोगों को सकुशल घर तक पहुंचाया prayagraj@inext.co.in PRAYGARAJ: आमतौर पर लोगों के सामने पुलिस का एक ऐसा चेहरा उभरता है, जिससे लोग वर्दीवालों से दूरी बनाकर रहना पसंद करते हैं। मगर दारागंज पुलिस ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो पुलिस के एक अच्छे चेहरे की वकालत करता है। लगातार ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने मौनी अमावस्या में आकर अपनों से बिछड़े दो दर्जन से भी अधिक लोगों की न सिर्फ मदद की, बल्कि उन्हें मिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। अपनों से मिले तो खिले चेहरेएसएसपी नितिन तिवारी के निर्देश पर सीओ पंचम के निर्देशन में पुलिस ने अपनों को मिलाने का वीणा उठाया। इस दौरान मध्य प्रदेश के दातरदा निवासी छोटी मीना पत्नी प्रभुलाल मीना, गोण्डा जपनद के करहलिया निवासी शांति देवी पत्नी नंदकुमार, औरंगाबाद के झिंगुरी निवासी विद्या देवी पाठक पत्नी ओम प्रकाश मिश्रा व इसी गांव की हेमवंती देवी पत्नी अखिलेश पाठक, जहानाबाद के पश्चिम कुरिया निवासी कांति देवी पत्नी शियाराम, प्रयागराज जनपद के कैंट थाना क्षेत्र की पुष्पा देवी पत्नी राजकुमार, कानपुर जनपद के शिवराजपुर निवासी योगेश सिंह पुत्र सतेन्द्र सिंह, गोण्डा जनपद के परसा महेशी निवासी उर्मिला देवी पत्नी श्रीनिवास, बलिया जनपद के बिसुनपुरवा निवासी मगनी देवी पत्नी रामजनम, दिल्ली के खेड़ाखुर्द की विमला देवी, गोरखपुर जनपद के महमदपुर निवासी रामरती पत्नी प्रेम, जौनपुर के सरसौड़ा निवासी हीरावती प्रजापति पत्नी साहब लाल, बिहार के मोतिहारी के बथना कुदनी देवी पत्नी नरायण सिंह, महाराष्ट्र के साउदा निवासी साधना झोपे पत्नी दिलीप, बाराबंकी जनपद के बल्लापुर निवासी शोभा रानी पत्नी डमरी, मध्य प्रदेश के मानपुर निवासी सुधा यादव पत्नी कुलदीप यादव, अयोध्या के छतिरवा निवासी संखी पत्नी बिहारी, बहराइच जनपद के डिगिहा गांव के सुरेश पुत्र जुम्मन, छपरा के मोहम्मदा निवासी मुन्नी देवी, माधेपुरा के भूपेन्द्र यादव पुत्र कांतिलाल को पुलिस ने अपनों से मिलवाया।
मोबाइल नंबर तक नहीं थे इंस्पेक्टर विनित सिंह के अनुसार इन सभी लोगों के पास मोबाइल नम्बर तक नहीं थे। इनके द्वारा बताए गए पते व जिला को मोबाइल टेक्नोलाजी के माध्यम से गूगल मैप की सहायता से पता करते हुए इनके परिवार वालों की जानकारी जुटाई गई। फिर उन्हें फोन कर उनके गुमशुदा परिवार के मिलने की सूचना दी गई।