- खुद थाने पहुंच कर युवती ने दर्ज करा एफआईआर

- सौतेला पिता,भाई और सगा भाई रेप के आरोप में गिरफ्तार

देहरादून

पिता और भाई जिन्हें समाज बहन-बेटियों का रक्षक कहता है, वे ही उनकी इज्जत-आबरू के भक्षक बन जाएं तो सामाजिक तानबाना ही बिखर जाता है। दून में ऐसी की एक घटना ने लोगों को झकझोंर दिया। प्रेमनगर में रहने वाली एक युवती का उसके सौतले पिता,भाई और सगे भाई पिछले पांच वर्ष से यौन शोषण कर रहे थे। कभी डरा कर तो कभी बदनामी की धमकी देकर सैकड़ों बार उसकी इज्जत लूटी गई। पांच वर्ष तक जहर भरे घूंट पीकर चुप रही युवती की आखिरकार हिम्मत जागी। उसने अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की ठानी और जा पहुंची पुलिस स्टेशन। अपने साथ हुए जुल्मों की दास्तान पुलिस को सुना दी। पुलिस ने युवती की शिकायत पर रेप का मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

मामला प्रेमनगर इलाके का है। एक निजी अस्पताल में नर्स का काम करने वाली महिला ने एक बेटा बेटी है। पति की मौत हो जाने पर उसने इलाके में प्लंबर का काम करने वाले एक व्यक्ति से दूसरी शादी की थी। उस व्यक्ति को भी पहले से एक बेटा था। दोनों परिवारों एक साथ रहने लगे। महिला अस्पताल में नाइट डयूटी करती थी। इस दौरान घर पर उसकी बेटी, बेटी, दूसरा पति और दूसरे पति का बेटा रहते थे।

10वीं कक्षा में थी, तब से रेप:

करीब पांच वर्ष पहले लड़की जब 10 वीं कक्षा में पढ़ती थी। तब सौतले पिता ने उससे जबरन यौन संबंध बनाए और डरा धमकाकर चुप रखा। जब भी मौका मिलता पिता उसे हवश का शिकार बनाता। यह बात घर में छिप नहीं रही। सौतेले भाई ने भी मौका पाकर उससे रेप किया।

सगा भाई भी बना अस्मत का दुश्मन:

सौतेले पिता और भाई के आतंक से डरी बहन ने जब सगे भाई से मदद की गुहार की तो उसने भी मदद के बजाय अस्मत ही लूटी। बेबस और लाचार लड़की पांच वर्ष तक तीनों की दरिंदगी सहती रही। मां को बताना चाहा लेकिन लगा कि शायद वह भी उसकी बात पर यकीन नहीं करेगी।

हिम्मत दिखाई और पहुंच गई थाने:

ऐसे में फ्राइडे को वह प्रेमनगर थाने पहुंच गई और इंचार्ज दिलबर सिंह नेगी से मदद मांगी। इंस्पेक्टर ने महिला कांस्टेबल के जरिए युवती की पूरी कहानी लिखवाई और उच्चाधिकारियों को मामला बताया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर तीनों आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया। तीनों आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया। युवती का मेडिकल भी कराया गया है।

प्रेमनगर का मामला, कोतवाली थाने को जांच:

उत्तराखंड पुलिस का भी अजब हाल है। प्रदेश में महिला पुलिसकर्मियों की ही कमी है। थानों में एक या दो महिला कर्मचारी हैं। प्रेमनगर वाले इस केस में जब पीडि़ता कंप्लेन कराने थाने पहुंची तो वहां कोई महिला पुलिसकर्मी उपस्थित ही नहीं थी.विशाखा गाइडलाइन के मुताबिक महिला फरियादी अपनी दास्तानं महिला पुलिसकर्मी को ही बताए, ऐसी व्यवस्था पुलिस थाने में होनी चाहिए। एक मात्र महिला सब इंस्पेक्टर हरिद्वार में गंगा स्नान डयूटी पर गई थी। ऐसे में पीडि़ता को पुरूष थानाधिकारी को दास्तां सुनानी पड़ी। हालांकि थानाधिकारी दिलबर नेगी ने बताया कि प्रारम्भिक बातचीत में ही मामला गंभीर लगा तो महिला कांस्टेबल से बात करवाई गई और उच्चाधिकारियों को कहकर मामले की जांच के लिए कोतवाली थाने से महिला सब इंस्पेक्टर सरिता बिष्ट को जांच के लिए बुलाया गया।

परिवार की बदनामी के डर से 5 वर्ष पिया 'जहर ':

पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि उसके साथ जब पहली बार सौतले पिता ने रेप किया वह नाबालिग थी। डरा-धमकाकर उसे रेप का शिकारी बनाया। उसके बाद किसी को बताने पर भाई के साथ जान से मार देने की धमकी दी। कम उम्र की बच्ची डर गई,चुप रही। मां रात को घर में नहीं होती तो उसके साथ अक्सर यह होने लगा। इस बीच सौतेले भाई ने एक दिन उसे पकड़ लिया और पिता के साथ देखने की बात कहकर डराते हुए रेप किया। इस बीच उसने सगे भाई को बताया तो वह मदद के बजाय शराब के नशे में रात को आता और संबंध बनाता। घर में ही तीन तीन दरिंदों से घिरी उस मासूम ने इस बीच आईटीआई की पढाई भी की है।

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कहीं आप भी तो नहीं जुल्मों की शिकार:

-घर-परिवार, सगे संबंधि ही अस्मत के दुश्मन बन जाएं तो समाज का ताना-बाना ही खतरे में आ जाता है। जिन्हें रक्षक कहा जाता है, वे भक्षक बन रहे हैं। प्रेमनगर में हुई इस घटना ने सामाजिक ढांचे पर ही सवाल खड़ा कर दिया। पांच वर्ष अपनों के जुल्म सहती रही और खून का घूंट पीने वाली युवती को आखिर पुलिस के पास जाने की हिम्मत कहां से आई। उसका नारीत्व जाग उठा। युवती का यह कदम समाज में दबी कुचली उस हर नारी के लिए सबक है,जो अपनों की दरिंदगी सह रही हो। अगर आप भी ऐसी ही किसी दरिंदगी की शिकार हैं तो डरें नहीं,पुलिस कंप्लेन करें। वुमन पावरलाइन नंबर 1090, और वुमन हेल्पलाइन नंबर 181 पर भी कंप्लेन कर सकती हैं।

इनका कहना:

युवती ने जो कहानी बताई, वह झकझोर देने वाली थी। हाथों हाथ मामला दर्ज कर आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया है। विशाखा गाइड लाइन भी फॉलो कर रहे हैं।

दिलबर सिंह नेगी

थाना इंचार्ज प्रेमनगर

Posted By: Inextlive