- मुकदमा दर्ज करने के 22 दिन बाद भी नहीं हो रही आरोपियों की गिरफ्तारी

- सीएम व डीजीपी से गुहार लगाने के बाद भी नहीं मिल न्याय

DEHRADUN : गर्भवती महिला को जिंदा जलाने के मामले में आरोपियों की ख्ख् दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जबकि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से डीजीपी तक न्याय की गुहार लगाई जा चुकी है। यह बात सुभाष रोड स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता के दौरान पीडि़त परिवार ने कही।

मिट्टी का तेल छिड़कर जलाया

उत्पीड़न के बाद जिंदा जलाई गई गर्भवती महिला की मां सुशीला कौर ने बताया कि वह गांधीनगर मुजफ्फरनगर की रहने वाली है। सात जुलाई ख्0क्ब् को उनकी बेटी लखविंदर कौर की शादी हरिद्वार निवासी गुरुमीत सिंह से हुई थी। शादी में उन्होंने अपनी हैसियत के अनुरूप दहेज दिया, लेकिन ससुराल पक्ष के लोग और दहेज की मांग को लेकर उनकी बेटी को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडि़त करने लगे। बाद में जब उनका बेटा हरप्रीत कौर अपनी बहन लखबिंदर से मिलने गया तो ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे मिलने से इंकार करवाते हुए इसे घर से भाग दिया।

नहीं हो रही कोई सुनवाई

इतना ही नहीं उसके बेटे हरप्रीत को जान से मारने की धमकी भी दी गई। क्ब् अप्रैल को उन्हें सूचना मिली कि लखविंदर दून के कोरोनेशन अस्पताल में दाखिल है। जहां पहुंचने पर उन्हें पता चला कि लखविंदर 90 प्रतिशत तक जली हुई है। उपचार के दौरान ही उसकी मौत हो गई। पुलिस को दिए गए बयान में लखबिंदर ने पति समेत नौ लोगों के खिलाफ मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने की बात बताई थी। जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया, लेकिन मामले के ख्ख् दिन बाद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, मामले में न्याय के लिए सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत, डीजीपी बीएस सिद्धू सहित कई लोगों से गुहार लगा चुके हैं। बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है, जिस कारण उन्हें प्रेस वार्ता करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

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Posted By: Inextlive