-दौराला महायोजना को शासन से मंजूरी मिलने के बाद शुरू हुई नक्शा एप्रूवल की प्रक्रिया

-प्राधिकरण दौराला महायोजना में हुए निर्माणों पर इम्पैक्ट फीस का कर रहा आंकलन

Meerut : दौरान महायोजना में नक्शा एप्रूवल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ प्राधिकरण ग्रीन बेल्ट और एग्रीकल्चर लैंड पर हुए अवैध निर्माणों के लिए दौराला महायोजना क्षेत्र में सर्वे आरंभ कर रहा है। नियोजन और प्रवर्तन विभाग की ओर से महायोजना क्षेत्र में वैध और अवैध निर्माणों का डिमार्केशन का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। जिसके बाद प्राधिकरण इन अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

बड़े पैमाने पर हुए थे अवैध निर्माण

विस्तारित क्षेत्र में मेरठ विकास प्राधिकरण ने दौराला महायोजना को बनाया। जो बनने के साथ ही स्वीकृति की प्रतीक्षा में सालों तक टल गई। एक ओर प्राधिकरण दौराला महायोजना को मंजूरी के लिए शासन स्तर पर कवायद कर रहा था। वहीं दूसरी ओर अनुमित की उम्मीद में ही प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने ग्रीन बेल्ट और एग्रीकल्चर लैंड पर कॉलोनियों के नक्शे पास कर दिए। इस प्रकरण में प्राधिकरण के एक दर्जन से अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शासन कार्रवाई अमल में लाया है। वहीं शासन की ओर से मंजूरी न मिलने के वाबजूद दौराला में 16 कालोनियों के मानचित्र पर करोड़ों रुपए की इम्पैक्ट फीस चार्ज की गई है।

नहीं जमा कराई इम्पैक्ट फीस

एग्रीकल्चर लैंड पर बसाई गई इन 16 कालोनियों के शासन ने मानचित्र तो रद नहीं हुए किंतु लैंडयूज चेंज कराने के आदेश दिए। शासन के इस निर्देश के बाद एमडीए ने कालोनियों को विकसित करने वाले 11 बिल्डरों को 41 करोड़ 89 लाख 88 हजार रुपए जमा करने का नोटिस जारी कर दिया। हालांकि इस आदेश के विरोध में बिल्डर कोर्ट चले गए और अभी तक किसी ने जुर्माने की अदायगी नहीं की। वहीं 2012 से 2018 के बीच बिना अनुमति अवैध तरीके से नक्शों को पास करने के आरोप में प्राधिकरण के 12 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चल रही है।

अब सीधे पास करा सकेंगे नक्शे

एमडीए के टाउन प्लानर इश्तियाक अहमद ने बताया कि दौराला महायोजना को मंजूरी मिलने के बाद अब दौराला क्षेत्र में नक्शा एप्रूवल की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। उन्होंने बताया कि लैंडयूज चेंज कराकर नक्शा एप्रूवल के आवेदनों पर जिला प्रशासन के सर्किल रेट्स के आधार पर इम्पैक्ट फीस की व्यवस्था अभी भी प्रभावी है। ग्रीन बेल्ट और प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण को प्राधिकरण मंजूरी नहीं दे रहा है।

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दौराला महायोजना को मंजूरी मिलने के बाद सामान्य तौर पर नक्शा एप्रूवल की प्रक्रिया आरंभ है। हालांकि इस क्षेत्र में लैंडयूज चेंज कराए बिना बड़े पैमाने पर इस अवधि में निर्माण कर लिए गए हैं। प्राधिकरण इस संबंध में सर्वे कर रहा है। जिसके बाद इम्पैक्ट फीस का आंकलन का संबंधित निर्माणकर्ता को नोटिस दिया जाएगा।

-इश्तियाक अहमद, सीटीपी, एमडीए

Posted By: Inextlive