अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम इंडियन प्रीमियर लीग आइपीएल मैचों में सट्टे के फर्जी रेट भी खोलता था. हारने वाली टीम को जीतने वाली और जीतने वाली टीम को हारने वाली टीम दर्शा दिया जाता था. दाऊद के गुर्गे सही टीम पर रकम लगाकर मोटा मुनाफा कमाते थे. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा स्पॉट फिक्सिंग मामले में तैयार चार्जशीट में डी कंपनी के रोल का विस्तार से वर्णन किया गया है. पांच दिन के अंदर यह चार्जशीट अदालत में पेश की जाएगी. चार्जशीट में दाऊद को मुख्य आरोपी बताया गया है.


दुबई से आ रहे सट्टे के रेटपुलिस अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सट्टेबाज दुबई से आ रहे सट्टे के रेट पर यह सोचकर दांव लगाते थे कि ‘भाईं’ हमेशा मैच फिक्स करके ही रेट खोलता है, लेकिन ऐसा नहीं होता था. दाऊद जिस टीम को जीतने वाली टीम बताकर रेट खोलता था, वह हार जाती थी. इससे भारतीय सट्टेबाजों को खासा नुकसान उठाना पड़ता था. 9233--206--88, यही वह नंबर है, जिसको इंटरसेप्ट करने पर आइपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का खुलासा हुआ. केंद्रीय खुफिया एजेंसी रॉ ने भी इसकी तस्दीक कर दी है. गत 26 मार्च को रात साढ़े नौ बजे इस नंबर से पाकिस्तान से दुबई के एक फोन नंबर पर 160 सेकंड की बातचीत हुई. अधिकारियों के होश उस वक्त और उड़े, जब पता लगा कि पाकिस्तान से बात कर रहा यह शख्स अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम है. ‘डॉक्टर’ और ‘मास्टर’ के जरिये खेल
सलमान उर्फ मास्टर और डॉक्टर उर्फ जावेद चुटानी. यही वे दो नाम हैं, जिनकी बदौलत दाऊद आइपीएल में सट्टेबाजी का खेल खेलता था. शुरुआत में सट्टे के रेट दाऊद खोलता था. बाद में सलमान और जावेद के जरिये रेट खुलवाए जाने लगे. इस दौरान दाऊद अपने सट्टेबाजों का विशेष ध्यान (उनको लाभ पहुंचाने का) रखता था. जावेद और सलमान के नाम पुलिस की चार्जशीट में शामिल हैं. पुलिस की रिपोर्ट बताती है कि सलमान ही दाऊद का वह मोहरा है, जो बड़े भारतीय सट्टेबाजों (रमेश व्यास, टिंकू मंडी और फिरोज मुंबई (तीनों गिरफ्तार) के संपर्क में था. धमकाने का भी पूरा इंतजामजांच में सामने आया है कि दाऊद सट्टेबाजी में अपने मोहरों का रुतबा कायम करने के लिए भारतीय सट्टेबाजों को डराता-धमकाता भी था. गिरफ्तार मुंबई के बड़े सट्टेबाज रमेश व्यास ने बताया है कि दुबई से उसके पास फोन आया था. भारी आवाज के एक व्यक्ति ने उसे चेतावनी दी थी कि डॉक्टर और मास्टर के साथ वह ईमानदारी से काम करे.Report by: Pradeep Kumar Singh (Dainik Jagran)

Posted By: Satyendra Kumar Singh