दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ के पास फिलहाल कोई अध्यक्ष नहीं है। इन पदों पर भर्ती के लिए चुनाव होने हैं मगर बोर्ड चाहता है कि चुनाव प्रक्रिया अभी टाल दी जाए। इसके लिए वे हाईकोर्ट पहुुंच गए।


नई दिल्ली (आईएएनएस)। दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ अपने खाली पड़े अध्यक्ष पद और अन्य रिक्त पदों के लिए चुनाव कराने के लिए समय के विस्तार के लिए उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं। इस मामले पर अंतिम फैसला लेने से पहले मंगलवार को चुनाव कराने के मामले पर चर्चा की जाएगी। डीडीसीए लोकपाल न्यायमूर्ति दीपक वर्मा (सेवानिवृत्त) द्वारा हस्ताक्षरित शीर्ष परिषद की बैठक के मिनटों में कहा गया है कि चुनाव के संबंध में विभिन्न तौर-तरीकों पर चर्चा की गई। एक सामान्य आधार पर पहुंचने से पहले कि हाईकोर्ट द्वारा दिए गए छह सप्ताह की समयावधि कम है और एक विस्तार की आवश्यकता है। उक्त बैठक में, चुनाव के संबंध में विभिन्न तौर-तरीकों पर चर्चा की गई और बैठक के बाद एक आम सहमति बनी, जो कि समय अवधि थी।6 हफ्ते का समय बहुत कम
दिल्ली के माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित 6 सप्ताह का समय बहुत कम है और डीडीसीए को समय के विस्तार के लिए उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ सकता है। सभी को यह जानकारी दी गई कि, श्री नवीन चावला और उनके साथ एक बैठक फिर से निर्धारित की गई है, जोकि मंगलवार को होगी। डीडीसीए के चुनावों ने एक दिलचस्प मोड़ ले लिया है। दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अरुण जेटली के बेटे रोहन डीडीसीए के पद के लिए चुनाव मैदान में हैं। सचिव विनोद तिहारा का मानना ​​है कि संघ को इस समय बागडोर संभालने के लिए उनके जैसे किसी व्यक्ति की जरूरत है। अरुण जेटली के बेटे पर बन रही बातआईएएनएस से बात करते हुए, तिहाड़ा ने कहा कि रोहन इस पद के लिए सही विकल्प है, लेकिन अंतिम कॉल उसके साथ है। मुझे, डीडीसीए को उनके जैसे किसी की जरूरत है। मैं डीडीसीए को पटरी पर लाना पसंद करूंगा। अरुण जी की हमेशा से दिल्ली क्रिकेट के प्रति रूचि रखते थे और उम्मीद है रोहन भी ऐसा ही करें।' डीडीसीए के अधिकारी ने घटनाक्रम के बारे में कहा कि सभी फैसले एक साथ लिए जाएंगे। अधिकारी ने कहा, "तिहाड़ा, बंसल और सीके खन्ना परिवार के सभी करीबी हैं और ऐसा माना जाता है कि अंतिम फैसला लेने से पहले वे तीनों के साथ चर्चा करेंगे।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari