दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ में चल रही अनियमितताओं को लेकर डीडीसीए के लोकपाल ने फिर से चुनाव के लिए कहा है। साथ ही उन्होंने ज्वॉइंट सेक्रेटरी को हटाने का भी आदेश दिया।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में नेतृत्व की कमी पर नजर रखने वाले लोकपाल न्यायमूर्ति दीपक वर्मा (सेवानिवृत्त) ने स्पष्ट कर दिया है कि रिक्त पदों के लिए चुनाव सामान्य स्थिति के अनुसार ही होंगे। अपने आदेश में, लोकपाल ने यह स्पष्ट किया है कि फरवरी में प्रेसीडेंट पद के लिए चुनाव होने थे लेकिन लॉकडाउन के कारण इन्हें रोक दिया गया था, लेकिन जल्द से जल्द यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लोकपाल वर्मा ने कहा, "यह सभी के ध्यान में लाया जाना है, एक बार फिर से मेरे आदेश दिनांक 15.02.2020 को यह निर्देश दिया गया था कि डीडीसीए के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराए जाएं। इसके बाद, कोषाध्यक्ष के पद पर भी रि-इलेक्शन होगा।'

डीडीसीए अधिकारी ने फैसले की सराहना की

लोकपाल ने संयुक्त सचिव राजन मनचंदा को हटाने का भी आदेश दिया, जिसके अनुसार लोकपाल ने अपनी वार्षिक आम बैठक के दौरान डीडीसीए अधिकारियों के बीच एक बड़ी सार्वजनिक लड़ाई का नेतृत्व किया। उन्होंने एसोसिएशन के सामान्य निकाय को अपने आदेश पर ध्यान देने और निर्णय की पुष्टि करने के लिए कहा। आईएएनएस से ​​बात करते हुए, डीडीसीए के एक अधिकारी ने लोकपाल के फैसले की सराहना की और कहा कि इन सुधारात्मक उपायों को समय की आवश्यकता थी।" यह लोकपाल द्वारा एक स्वागत योग्य निर्णय है। उन्होंने राजन मनचंदा को महागठबंधन से हटाने के बारे में फैसला करना छोड़ दिया, जो उन्हें संघ की सदस्यता से हटाने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे।

दिल्ली क्रिकेट संघ में संकट के बादल

डीडीसीए का अध्यक्ष पद इस समय खाली है क्योंकि वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं संघ के महासचिव विनोद तिहारा सीमा शुल्क अधिनियम के कथित उल्लंघन के चलते मेरठ जेल में हैं। डीडीसीए के अधिकांश एपेक्स काउंसिल के सदस्यों को राज्य के लोकपाल द्वारा वित्तीय रूप से संलिप्तता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इन आरोपों के अलावा, संघ के सदस्यों पर आयु समूह से लेकर रणजी टीम तक के चयन मामलों में योग्यता से समझौता करने का आरोप लगाया गया है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari