RANCHI: सीएम रघुवर दास के आदेश को ताक पर रख शिक्षा विभाग ने राजधानी के स्कूलों की ग्रेडिंग नहीं की है। सरकार ने मई में ही निर्देश जारी किया था कि जुलाई से पहले सभी स्कूलों की ग्रेडिंग की जानी चाहिए, ताकि स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के पदों को भरा जा सके। साथ ही स्कूलों में चल रही पढ़ाई और अन्य गुणवत्ता के अनुसार ग्रेडिंग होने से नियंत्रण और योजनाओं को लागू करना भी आसान हो जाएगा। सभी स्कूलों को तीन ग्रेडों ए, बी और सी में बांटा जाना था। इनमें ए ग्रेड में वैसे स्कूलों को रखा जाना था जो काफी विकसित कैटेगरी में आ गए हैं। इसके अलावा क्रमवार बी ग्रेड और सी ग्रेड में जिन स्केलों को रखा जाना था, उनमें प्रतियोगिता की भावना डेवलप करनी है, ताकि ये जल्द से जल्द ए ग्रेड में शामिल होने का प्रयास करें।

पिछले साल मात्र 40 स्कूल ए ग्रेड में

सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले वर्ष मात्र 40 स्कूलों को ही ए श्रेणी में रखा गया था, जबकि 2400 से ज्यादा स्कूल बी ग्रेड व सी ग्रेड में रखे गए थे। इस वर्ष ग्रेडिंग नहीं हो पाने से अनुदान से लेकर अन्य सारी सुविधाएं स्टूडेंट्स तक पहुंचने में काफी देर हो सकती है।

स्कूल मर्जर प्रॉसेस लगभग पूरा

रांची के सरकारी स्कूलों के मर्जर की प्रक्रिया अब लगभग समाप्त होने के कगार पर है। वैसे इलाके जहां दो स्कूलों के बीच की दूरी कम हो, स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम हो, स्कूल भवन जर्जर हो रहे हों आदि के आधार पर स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया की गई है। जिले में करीब 2466 स्कूल थे, जिनमें 366 स्कूलों का मर्जर हो गया है। इसके बाद राजधानी में 2100 के करीब स्कूल हो गए हैं।

अब टीचर्स का होगा मर्जर

स्कूलों के मर्जर के बाद अब शिक्षकों के मर्जर की प्रक्रिया चल रही है.पारा टीचर्स को पंचायत के अन्य विद्यालयों में तथा सरकारी टीचर्स को जिला के दूसरे विद्यालयों में स्थानांतरण किया जा रहा है। शिक्षा विभाग स्टूडेंट्स और शिक्षकों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों का मर्जर कर रहा है।

वर्जन

अब तक स्कूलों की ग्रेडिंग नहीं हो सकी है, फिलहाल स्कूलों के मर्जर और टीचर्स के क्लासीफिकेशन का प्रॉसेस चल रहा है। अगस्त अंत तक इस प्रक्रिया के पूरे होने की संभावना है, उसके बाद ही स्कूलों की ग्रेडिंग की जाएगी।

शिवेन्द्र कुमार, डीएसई, रांची

Posted By: Inextlive