गोरखपुर में मौत के 16 स्पॉट, जहां होता हादसा तो मिलती मौत
- तीन साल के हादसों का रिेकॉर्ड जुटा तीन टीमों ने चिन्हित किए ब्लैक स्पॉट
- 16 स्पॉट्स पर लगभग 290 हादसों में चली गईं 221 जानें GORAKHPUR: गोरखपुर में जानलेवा सड़क हादसों की वजह यहां की कुछ सड़कें भी हैं, जहां ज्यादातर हादसों में लोगों को मौत ही मिलती है. परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और पीडब्ल्यूडी विभाग ने सर्वे कर सिटी और आसपास ऐसे 16 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं जहां तीन साल में मिनिमम पांच से ज्यादा हादसे और तीन से ज्यादा मौतें हुई हैं. आकड़ों पर नजर डालें तो इन 16 ब्लैक स्पॉट्स पर बीते तीन साल में लगभग 290 हादसों में लगभग 221 मौतें हुई हैं. यहां लगाएं रफ्तार पर लगामआरटीओ प्रवर्तन डीडी मिश्रा के अनुसार ज्यादातर हादसों में देखा गया है किलोग सिटी के जाम से निकलने के बाद जैसे ही खाली सड़क पाते हैं उनकी स्पीड बढ़ जाती है. जैसे ही वे अचानक स्पीड बढ़ाते हैं तभी दुर्घटना भी घटती है. इस लिए जहां भी अगल-बगल बस्ती या घर हों उन जगहों की सड़कों से गुजरते हुए गाड़ी की रफ्तार जरूर धीमे करें.
एनएचएआई की भी 4 सड़कें चिन्हितपरिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और पीडब्ल्यूडी विभाग ने गोरखपुर में जो 16 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं उनमें चार सड़के एनएचएआई की भी शामिल हैं. साथ ही एक एनएचआई, पांच पीडब्ल्यूडी, एनएच-28 पर दो प्वॉइंट्स, एनएच-29 और पांच अन्य सड़कें शामिल हैं.
ब्लैक स्पॉट्स पर लगे ब्रेकर इन सड़कों पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट्स पर रिम्बल ब्रेकर, दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र का बोर्ड, जेब्रा क्रॉसिंग जिस पर रिफलेक्टर पेंट लगा होता है और स्पीड ब्रेकर बनवाए गए हैं. जिससे यहां से होकर गुजरने वाले लोग जागरूक हो सकें. लापरवाही से होते हैं हादसे गोरखपुर के 16 ब्लैक स्पॉट्स पर लगभग 290 हादसों में 221 मौतों का कारण एक ही निकला है. हादसे के बाद सर्वे में दुर्घटना का मेन कारण तेज रफ्तार और लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाना सामने आया है. बॉक्स नहीं होता नियमों का पालन रोड सेफ्टी के नियम केवल कागजों पर ही दिखाई देते हैं. इनका पालन कभी नहीं होता है. नियमानुसार कार की स्पीड एक्सप्रेस वे पर 120, फोरलेन पर 100, नगर पालिका क्षेत्र में 70 और सिटी के अंदर 20-30 निर्धारित की गई है. इसके बाद भी ये नियम हर दिन टूटते हैं जो हादसों की मुख्य वजह है. बॉक्स तेज रफ्तार पर लग सकता है 307गाडि़यों की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए आरटीओ ने एक हजार रुपए का चालान निर्धारित किया है. इसी तरह अगर जानबूझकर लापरवाही से गाड़ी चलाना साबित हो जाता है तो ड्राइवर पर आईपीसी की धारा 307 और 508 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होता है.
निर्धारित स्पीड एक्सप्रेसवे- कार- 120 फोरलेन- कार- 100 नगर पालिका रोड पर- कार- 70 सिंगल रोड पर- कार- 70 सिटी के अंदर-कार- 20-30 16 ब्लैक स्पॉट्स ब्लैक स्पॉट लोकेशन एक्सीडेंट मौत 1- सोनबरसा 55 28 2- कोनी मोड़ 9 9 3- कस्बा पीपीगंज 10 6 4- रामनगर करजहां 39 355- जंगल धूषण से पिपराइच 5 5
6- चौरीचौरा से भोपा बाजार 23 23 7- बैलो सिधावल 24 24 8- मरचहवा बाबा तिराहा 16 15 9- देवीपुर 21 21 ़10- रामपुर बुजुर्ग 32 16 11- चवरियां खुर्द 28 1612- बोकटा 13 5
13- खजांची चौराहा 5 4 14- चौमुखा 8 5 15- भीटी रावत 7 4 16- नौसढ़ 5 5 वर्जन तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाने पर ही दुर्घटनाएं होती हैं. 16 ब्लैक स्पॉट्स ऐसे चिन्हित किए गए हैं जहां पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. इसके लिए वहां पर ब्रेकर और अन्य जरूरी उपकरणों को लगवाया गया है. - डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन