-रात 9 से 12 बजे के बीच हुई मौतें, कारण फंदा कसने से सांस रुकना

-करीब साढ़े पांच घंटे चला पोस्टमोर्टम, श्रीमोहन का विसरा किया सुरक्षित

MEERUT: 68 वर्षीय बुजुर्ग श्रीमोहन एक सफल साबित नहीं हुए। यदि सफल होते तो दो पीढि़यों को अपने सामने नष्ट होते न देखते। श्रीमोहन न सिर्फ साइको विनीत के इस पूरे क्रियाकलाप में शामिल रहे बल्कि अपनी आंखों से दो पीढि़यों को नष्ट होते हुए उन्होंने देखा।

4:30 घंटे चले पोस्टमार्टम

गुरुवार रात्रि काल के गाल में समाए परिवार के पांच सदस्यों का पोस्टमार्टम शनिवार प्रात: 10 बजे आरंभ हो सका। डॉ। रवि प्रकाश, डॉ। श्रीओम और फार्मासिस्ट विकास चौधरी की टीम ने करीब साढ़े चार घंटे तक पांचों शवों का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान विनीत और पूजा के परिजनों के अलावा कारोबारी और ईष्ट-मित्र मौजूद थे। एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्र, एसडीएस हर्षिता माथुर और एसपी ग्रामीण डॉ। प्रवीण रंजन दलबल के साथ यहां मौजूद थे।

रात में नहीं खाया था कुछ

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक हादसे के रात परिवार ने कुछ भी नहीं खाया था। रात्रि करीब 10 बजे के बाद से घटनाक्रम आरंभ हुआ है। सर्वप्रथम अभिषेक और मां कृष्णा ने फंदे पर झूलकर आत्महत्या की। इसके बाद विनीत और पूजा फंदे पर झूल गए। पिता श्रीमोहन ने सबसे अंत में जहर खाकर जान दी है। रिपोर्ट में मौत की वजह प्रॉपर हैंगिग बताई गई है।

श्रीमोहन का बिसरा सुरक्षित

बुजुर्ग श्रीमोहन का बिसरा पोस्टमार्टम के बाद सुरक्षित सुरक्षित रखा गया है। टीम ने बिसरा थाना टीपी नगर पुलिस को सौंप दिया है। आगरा स्थित फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बाद ही जहर का नाम और प्रकृति तय हो सकेगी। फंदे पर झूलने से पहले सभी ने अपने हाथों की नस धारदार हथियार (चाकू) से काटी है। पुलिस ने चाकू बरामद कर लिया है।

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बुजुर्ग श्रीमोहन की मौत जहर खाने से हुई है, जबकि अन्य के केस में प्रॉपर हैंगिग की पुष्टि हो रही है। बुजुर्ग का बिसरा सुरक्षित करा लिया गया है। हाथ की नस काटने के बाद फंदे पर झूलकर आत्महत्या की गई है।

-डॉ। रविप्रकाश, पोस्टमार्टम करने वाली टीम के सदस्य

Posted By: Inextlive