शहर में डेबिट-क्रेडिट कार्ड की डिटेल चोरी का चल रहा खेल

कार्ड का क्लोन बनाकर एकाउंट से पैसे उड़ा रहे हैं साइबर हैकर्स

vinod.sharma@inext.co.in

VARANASI

केस-1

लहरतारा निवासी संतोष मिश्रा अपने परिवार के साथ अस्सी स्थित एक रेस्तरां में डिनर करने गये थे। करीब आठ सौ रुपये बिल आया तो उन्होंने स्वैप मशीन पर एटीएम रीड किया और पिन नंबर डायल कर पेमेंट कर दिया। अगले दिन सुबह उठने के बाद मोबाइल पर आठ सौ के अलावा 23 सौ रुपये डेबिट का मैसेज आया था।

केस-2

घौसाबाद निवासी मनजीत सिंह सिगरा स्थित मॉल में शॉपिंग करने गए थे। एक स्टोर से उन्होंने कपड़ा खरीदा और करीब 1700 रुपये एटीएम से पेमेंट कर दिया, जिसका मैसेज तुरंत मोबाइल पर आया। इसके बाद घर चले आए करीब चार घंटे बाद उनके मोबाइल पर 35 सौ रुपये डेबिट का मैसेज आया।

डेबिट-क्रेडिट कार्ड का डेटा चुराकर ठगी

ये दो केस सिर्फ आपको सावधान करने के लिए है। रेस्तरां, होटल, मॉल या शॉपिंग स्टोर की चमक के बीच एटीएम कार्ड के पिन की सुरक्षा को दरकिनार करना महंगा पड़ सकता है। इन जगहों पर डेबिट-क्रेडिट कार्ड की डिटेल चोरी करने का खेल तेजी से चल रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से रेस्तरां, होटल, मॉल या शॉपिंग स्टोर के कर्मचारियों की भूमिका मुख्य है। अब तक सैकड़ों लोगों के कार्ड का डेटा चुराकर कार्ड का क्लोन बना लिया है। साइबर हैकर्स जिस क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते में रकम ज्यादा होती है, उन्हीं के अकाउंट से रुपये निकालते है। कम रकम वाले कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते है। हालांकि बहुत से स्टोर मालिक इस खेल से अंजान हैं।

ऐसे चोरी करते हैं कार्ड की डिटेल

साइबर एक्सपर्ट रक्षित कुमार के अनुसार ठग डेबिट-क्रेडिट कार्ड की डिटेल स्किमर या कॉल रिकॉर्डर की मदद से चोरी करते हैं। कार्ड के पीछे काले रंग की मैग्नेटिक स्ट्रिप होती है। इसी में कार्ड की पूरी डिटेल छुपी होती है। पीओएस मशीन में स्वैप करते समय स्किमर के जरिए यही जानकारी सेव कर ली जाती है। इस जानकारी के सेव होने के बाद अगर पिन नहीं पता तो आपका कार्ड सुरक्षित रहता है। लेकिन, पिन पता करने के लिए कई बार सीसीटीवी कैमरा ठीक पीओएस मशीन के ऊपर लगा देते हैं या सेल्समैन सामने से ही देख लेता है।

क्या है स्किमर

-स्किमर साइज, डिजाइन और रंग में बिल्कुल पीओएस मशीन के कार्ड रीडर स्लॉट से मिलता-जुलता ही होता है। अक्सर यूजर इसकी पहचान नहीं कर पाते। लेकिन, ध्यान से देखने पर यह अलग नजर आ जाता है। पब्लिक प्लेस जैसे पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट, होटल आदि जगहों पर इसे ज्यादा लगाया जाता है। स्किमर में सामान्य तौर पर एक बार में 50-60 कार्ड की डिटेल सेव हो सकती हैं।

ये करें काम

-कार्ड स्वैप करते समय हाथ से ढंककर पिन डालें।

-ध्यान से देख लें कि मशीन में कुछ अलग से तो फिट नहीं किया गया है।

-स्किमर फिट करते समय कई बार जहां कार्ड इनसर्ट करते हैं, उसके आसपास गोंद या फेविकोल जैसा लगा होता है।

-जब क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल न करना हो तो एप से उसे डिएक्टिवेट कर दें।

ऐसे कुछ मामले संज्ञान में आये हैं। फिलहाल अभी तक किसी ने इस संबंध में कोई शिकायत नहीं की। कोई शिकायत आएगी तो इस पर काम किया जाएगा। इस समय फेसबुक, ओलेक्स, केवाईसी के जरिए साइबर क्राइम की घटना ज्यादा हो रही है।

-ज्ञानेंद्र प्रसाद, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive