- ग्रामीण क्षेत्र की मतदाता सूची से नाम काटकर शहरी क्षेत्र की सूची में जुड़वाने पर कुर्सी से धोना पड़ा हाथ

NANITAL: ग्रामीण क्षेत्र की मतदाता सूची से नाम काटकर शहरी क्षेत्र की मतदाता सूची में जुड़वाने की वजह से जिला पंचायत उत्तरकाशी की अध्यक्ष जसोदा राणा को कुर्सी गंवानी पड़ गई. हाई कोर्ट ने उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने जिला पंचायत सदस्य प्रकाश रमोला को भी अध्यक्ष का चार्ज देने की प्रार्थना भी ठुकरा दी है. कोर्ट के आदेश के बाद उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है.

मतदाता सूची से हटाया नाम

दरअसल पिछले साल निकाय चुनाव में भाजपा ने जसोदा राणा को उत्तरकाशी के बड़कोट निकाय अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया तो उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर पोंटी जिला पंचायत क्षेत्र के कंसेरी की मतदाता सूची से नाम हटाने का आग्रह कर दिया. निर्वाचन अधिकारी ने कंसेरी की मतदाता सूची से नाम हटाकर बड़कोट पालिका की सूची में दर्ज कर दिया. साथ ही यह जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी. इसी बीच जसोदा राणा का देहरादून की मतदाता सूची में भी नाम होने का मामला पहुंच गया, लेकिन राणा निकाय का चुनाव नहीं लड़ सकीं. उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. जिसमें डीएम के आदेश को चुनौती दी. याचिका में कहा कि पालिकाध्यक्ष पद पर बीजेपी प्रत्याशी होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र की वोटर लिस्ट से नाम हटाने का प्रार्थना पत्र आयोग को भेजा था. कहा कि डीएम ने नाम हटाने वाले पत्र को आयोग को भेज दिया मगर जोड़ने वाली जानकारी अपने पास रख ली. याचिकाकर्ता के अनुसार 23 अक्टूबर को नामांकन की अंतिम तिथि थी और आयोग ने 22 अक्टूबर को नाम हटाने का आदेश पारित कर दिया. 22 को निर्वाचन आयोग ने देहरादून से रिपोर्ट मंगाकर कहा कि उनका नाम दून में भी है, जबकि उन्होंने देहरादून में मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए कभी आवेदन ही नहीं किया. उन्होंने मतदाता सूची में नाम नहीं जोड़ने के मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की तो कोर्ट ने उसे निरस्त कर दिया. इसी बीच डीएम उत्तरकाशी ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि जसोदा राणा का नाम जिला पंचायत क्षेत्र की मतदाता सूची से कट चुका है, लिहाजा अध्यक्ष पद से हटाया जाए. इस आदेश को अध्यक्ष ने याचिका के माध्यम से चुनौती दी तो कोर्ट ने स्थगनादेश दे दिया तो इस आदेश को जिपं सदस्य प्रकाश रमोला ने चुनौती दे दी. इसी मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में हुई.

Posted By: Ravi Pal